कांग्रेस नीत सरकार ने 10 साल तक राफेल सौदे को लटकाये रखा: सीतारमण
सरकार ने राफेल सौदे पर विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए आज पलटवार किया कि कांग्रेस नीत सरकार ने रक्षा तैयारियों को नजरंदाज कर दस साल तक इस सौदे को लटकाये रखा जो शर्मनाक है

नयी दिल्ली। सरकार ने राफेल सौदे पर विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए आज पलटवार किया कि कांग्रेस नीत सरकार ने रक्षा तैयारियों को नजरंदाज कर दस साल तक इस सौदे को लटकाये रखा जो शर्मनाक है जबकि मोदी सरकार ने स्थिति की नजाकत को समझते हुए तात्कालिक जरूरत पूरा करने के लिए 36 विमान खरीदने का निर्णय लिया।
फ्रांस सरकार के साथ लड़ाकू विमान राफेल की खरीद के सौदे पर कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा गंभीर सवाल उठाये जाने तथा इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एकतरफा फैसला बताये जाने के बाद सरकार के बचाव में उतरी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने बिना ‘होमवर्क’ के अनाप-शनाप आरोप लगाये हैं जो पूरी तरह निराधार हैं।
उन्होंने कहा कि यह सौदा पूरी तरह पारदर्शी है तथा इसमें रक्षा खरीद प्रक्रिया के सभी नियमों का पालन किया गया है । उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि इस सौदे में राफेल विमान की कीमत कांग्रेस के शासन में किये गये सौदे से बहुत कम है।
दोनों सरकारों द्वारा किये गये सौदे में तय हुई कीमत के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है और रक्षा सचिव इसकी जानकारी मीडिया को दे सकते हैं हालांकि संवाददता सम्मेलन में मौजूद रक्षा सचिव भी इस सवाल को टाल गये। दोबारा पूछे जाने पर रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस नीत सरकार तो इस सौदे में किसी अंतिम राशि पर पहुंची ही नहीं थी तो तुलना कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सौदे को 10 साल तक लटका कर देश का नुकसान किया है और अब वह तथ्याें को नजरअंदाज कर मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है जो शर्मनाक है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नीत सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एवियेशन से 126 बहुउद्देशीय हल्के लड़ाकू विमान राफेल खरीदने का समझौता किया था लेकिन इस सौदे के लंबे समय तक सिरे नहीं चढने पर मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इसे रद्द कर दिया और सीधे फ्रांस सरकार से ही उडने की स्थिति में तैयार 36 राफेल विमान खरीदने का समझौता किया।


