दिल्ली सरकार पर कांग्रेस का हमला: दो माह बाद भी नहीं बनी निगम की कमेटियां
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और भाजपा शासित निगम सरकारों की आपसी लड़ाई में कमेटियां निगम में सरकार बनने के दो माह बाद भी नही बनाई जा सकी हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और भाजपा शासित निगम सरकारों की आपसी लड़ाई में निगम की सार्वजनिक स्वास्थ्य, मलेरिया तथा बाढ़ की रोकथाम, शिक्षा, ग्रामीण क्षेत्र की कमेटी, महिला कल्याण, वर्क्स कमेटी, नियुक्ति कमेटी सहित कई महत्तवपूर्ण कमेटियां निगम में सरकार बनने के दो माह बाद भी नही बनाई जा सकी हैं। मलेरिया तथा बाढ़ की रोकथाम की कमेटी न बनने के कारण दिल्ली की जनता को प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी डेंगू जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बारिश का मौसम शुरु होने वाला है।
गौरतलब है कि प्रत्येक निगम में ऐसी 30-30 कमेटियां बनाई जाती हैं जो जमीन पर कार्यों को अमलीजामा पहनाती हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि सरकार बनने के दो माह बीतने के बाद भी निगम की कोई बैठक नही हुई है क्योंकि अभी तक निगम की कमेटियां नही बनाई गई हैं।
अजय माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार जल्द से जल्द निगम में एल्डरमेन की नियुक्ति करना चाहती है क्योंकि एल्डरमेन को वार्ड कमेटियों के गठन में वोट देने का अधिकार होता है। दूसरी ओर भाजपा शासित निगम सरकार चाहती है कि इन कमेटियों के गठन से पहले एल्डरमेन की नियुक्ति न हो।
श्री माकन ने कहा कि निगम में तीन प्रकार की कमेटियां होती है जैसे कि वैधानिक कमेटी, विशेष कमेटियां व एडहॉक कमेटी। कांग्रेस पार्टी दिल्ली में सत्ता में रही है लेकिन कभी भी निगम की कमेटियों के बनने में कोई अड़चन नही पैदा की।
उन्होंने कहा कि 2012 में भाजपा की निगम में जीत हुई थी तब बहुत जल्द ही निगम में इन कमेटियों को बना दिया गया था क्योंकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने इन कमेटियों के बनने में कोई अड़चन नही पैदा की थी। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार व भाजपा की निगम सरकार दोनों गैर जिम्मेदाराना तरीके से कार्य कर रहीं है।
माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार और निगम सरकार की लड़ाई को सुलझाने में दिल्ली के उपराज्यपाल को आगे आना चाहिए और दोनों सरकारों को बैठाकर जल्द से जल्द उनके झगड़े को सुलझाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के निगम पार्षद इस मुद्दे को बैठकों में उठाएंगे और यदि जरूरत पड़ी तो सड़क पर भी उतरेंगे।


