चीन ने कहा म्यांमार को स्थिरता की रक्षा करने की जरूरत है
चीन ने कहा कि म्यांंमार के रखाइन प्रांत में हिंसा की घटनाओं को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है तथा वहां की सरकार को सामाजिक स्थिरता लाने का प्रयास करना चाहिए
बीजिंग। चीन ने कहा कि म्यांंमार के रखाइन प्रांत में हिंसा की घटनाओं को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है तथा वहां की सरकार को सामाजिक स्थिरता लाने का प्रयास करना चाहिए। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार विदेश मंत्री वांग यी ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्री से कहा कि म्यांमार की सरकार को देश में सामाजिक स्थिरता बहाल करनी चाहिए। म्यांमार में जारी हिंसा के कारण चार लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान देश छोड़कर बंगलादेश चले गये हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने म्यांंमार की घटना को 'जातीय सफाई' करार दिया है। संरा की बैठक से इतर यी ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेतनो मारसुदी ने कल न्यूयार्क में म्यांमार में जारी हिंसा पर चिंता जाहिर की। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिंहुआ के अनुसार श्री यी ने कहा कि रोहिंग्या का मुद्दा काफी पुराना है तथा यह जटिल और संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के तनाव को दूर करने के लिए जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को नुकसान हीं पहुंचे।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा हमारे देश की म्यांमार के साथ नजदीकी आर्थिक और कूटनीतिक संबंध हैं इसलिए वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ एक रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने कल कहा,“हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करते हैं। कानून का उल्लंघन करने वालों को सजा दी जाएगी। ” उन्होंने हालांकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से की जा रही निंदा पर कोई बात नहीं की।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद ने हाल में म्यांमार के प्रशासन से हिंसा खत्म करने का अनुरोध किया और कहा कि इस स्थिति को ‘जातीय सफाई’कहना बेहतर होगा। गुटेरेस ने एक संवाददाताओं से कहा था,“ जब एक तिहाई रोहिंग्या आबादी को देश से भागना पड़े तो क्या आप इससे बेहतर शब्द उनकी हालात बयान करने के लिए ढूंढ सकते हैं।


