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छग : राहुल गांधी ने एनपीआर, एनआरसी की तुलना नोटबंदी से की

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां एनआरसी और एनपीआर की तुलना नोटबंदी से की और कहा कि ये दोनों कानून देश की जनता पर नोटबंदी की तरह टैक्स होगा

छग : राहुल गांधी ने एनपीआर, एनआरसी की तुलना नोटबंदी से की
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रायपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां एनआरसी और एनपीआर की तुलना नोटबंदी से की और कहा कि ये दोनों कानून देश की जनता पर नोटबंदी की तरह टैक्स होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण दुनिया में देश की छवि बिगड़ी है। राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "केंद्र सरकार देश को बांटने में लगी है। एनपीआर हो या एनआरसी, यह देश के गरीबों पर एक टैक्स है। नोटबंदी देश के गरीबों पर एक टैक्स था। नोटबंदी में लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए पैसे देने पड़े, यह भी ठीक वैसी ही स्थिति है। गरीब आदमी अफसर के पास जाएगा, अपने कागज दिखाइए, नाम में कुछ गड़बड़ी है तो पैसे दीजिए। गरीबों की जेब से करोड़ों रुपये निकालकर फिर 15 लोगों की जेब में जाएगा।"

यहां आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने आए राहुल गांधी ने कहा, "एनपीआर और एनआरसी गरीबों पर एक आक्रमण है। केंद्र सरकार से गरीब पूछ रहा है कि हमें रोजगार कैसे मिलेगा, पैसा जेब से निकाल लिया, हमें मार दिया, लेकिन हमें मिला क्या।"

देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, "देश की अर्थव्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, ऐसा छत्तीसगढ़ में नहीं है। पहले दुनिया में माना जाता था कि आर्थिक विकास दर में भारत और चीन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान में हिंसा हो रही है, महिलाओं को सड़कों पर नहीं चलने दिया जा रहा है, बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर यह कैसे हुआ, अर्थव्यवस्था की धज्जियां क्यों उड़ाई गई।"

राहुल गांधी कांग्रेस के अन्य नेताओं पूर्व लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार, बी. के. हरिप्रसाद के साथ विशेष विमान से दिल्ली से रायपुर पहुंचे। विमानतल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। उसके बाद सभी नेता हवाईअड्डे से एक बस में सवार होकर आयोजन स्थल पहुंचे, और आदिवासी महोत्सव के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के बाद सभी वापस दिल्ली रवाना हो गए।


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