नए साल से डाक सेवाओं में बड़ा बदलाव, 1 जनवरी से कुछ अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवा बंद, रजिस्टर्ड स्मॉल पैकेट सेवा भी शामिल
डाक विभाग ने कुछ अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवाओं में बदलाव करने की घोषणा की है। इसके तहत खासकर उन सेवाओं में बदलाव किया गया है, जिनमें ट्रैकिंग की सुविधा नहीं है या बहुत कम है। इसके साथ ही ज्यादा बेहतर, भरोसेमंद और ग्राहक-केंद्रित सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा

सरकार की बड़ी घोषणा, 1 जनवरी से कुछ अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवाओं में होगा बदलाव
नई दिल्ली। डाक विभाग ने कुछ अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवाओं में बदलाव करने की घोषणा की है। इसके तहत खासकर उन सेवाओं में बदलाव किया गया है, जिनमें ट्रैकिंग की सुविधा नहीं है या बहुत कम है। इसके साथ ही ज्यादा बेहतर, भरोसेमंद और ग्राहक-केंद्रित सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
दुनिया भर में अपनाई जा रही अच्छी प्रक्रियाओं और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के फैसलों के अनुसार, डाक विभाग ने अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवाओं को आधुनिक और मजबूत बनाने के लिए यह कदम उठाया है।
इसी के तहत 1 जनवरी, 2026 से विदेश भेजी जाने वाली कुछ अंतरराष्ट्रीय पत्र डाक सेवाओं को बंद किया जाएगा।इसमें रजिस्टर्ड स्मॉल पैकेट सेवा शामिल है।
इसके तहत आउटवर्ड स्मॉल पैकेट सेवा आती है, जिसमें समुद्र, एसएएल या हवाई मार्ग से भेजे जाने वाले सामान वाले पत्र को शामिल किया जाता है। वहीं, सरफेस लेटर मेल सेवा तथा सरफेस एयर लिफ्टेड (एसएएल) लेटर मेल सेवा को भी बंद किया गया है, जो बाहर भेजे जाने वाले पत्रों के लिए थीं।
संचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि स्मॉल पैकेट सेवाओं में ट्रैकिंग की सुविधा बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती, डिलीवरी में ज्यादा समय लगता है, दूसरे देशों में कस्टम और सुरक्षा नियम सख्त हो गए हैं और कई विदेशी डाक विभाग ऐसे पैकेट स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह बदलाव सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया गया है और इससे निर्यातकों या ग्राहकों के विकल्पों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इन बदलावों के बाद केवल दस्तावेजों के लिए रजिस्ट्रेशन सुविधा जारी रहेगी, जो हवाई मार्ग से भेजे जाएंगे। इनमें पत्र, पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पेपर, एरोग्राम, ब्लाइंड लिटरेचर और एम-बैग शामिल हैं।
डाक विभाग ने बताया कि ब्लाइंड लिटरेचर और एम-बैग से जुड़े यूपीयू के नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे। नेत्रहीन व्यक्ति या उनके संगठनों को भेजी जाने वाली ब्लाइंड लिटरेचर पर डाक शुल्क नहीं लगेगा, केवल हवाई शुल्क लग सकता है, और वह भी गंतव्य देश के नियमों के अनुसार।
एम-बैग पर भी यूपीयू के नियम लागू रहेंगे, जिनमें वजन सीमा और देश के अनुसार स्वीकार करने की शर्तें शामिल हैं।
निर्यातकों, एमएसएमई और आम ग्राहकों की मदद के लिए डाक विभाग पहले से ही विदेश में सामान भेजने के लिए भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध करा रहा है। ग्राहकों को इंटरनेशनल ट्रैक्ड पैकेट सर्विस (आईआईपीएस) और अन्य अंतरराष्ट्रीय पार्सल सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।


