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मप्र में भाजपा संगठन और सरकार चुनावी मोड में

मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनावों को लेकर भाजपा संगठन और शिवराज सरकार दोनों ही चुनावी मोड में आ गए हैं

मप्र में भाजपा संगठन और सरकार चुनावी मोड में
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भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनावों को लेकर भाजपा संगठन और शिवराज सरकार दोनों ही चुनावी मोड में आ गए हैं।

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों से सीधे संवाद कर आगामी योजनाओं के रोड मैप बना रहे है तो दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा संगठन की गतिविधियों को गति देने के साथ विधानसभा वार प्रमुख कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं। इसके साथ सभी को हिदायत दी जा रही है कि उप-चुनाव में किसी तरह की हीला-हवाली न करें, क्योंकि जलवा तब तक ही है जब तक सरकार है।

राज्य में आगामी समय में 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले है। इन चुनाव में भाजपा को कम से कम नौ सीटें जीतना जरुरी है क्योंकि भाजपा अभी पूर्ण बहुमत से दूर है। राज्य की विधानसभा 230 सदस्यों वाली है, इसमें से 27 सीटें खाली है और शेष में से 107 सीटों पर भाजपा का कब्जा है, दूसरी ओर कांग्रेस के पास 89 सीटें है। वहीं निर्दलीय, बसपा व सपा की सात सीटें है।

आगामी विधानसभा के उप-चुनाव में भाजपा पच्चीस उन लोगों को उम्मीदवार बनाने वाली है जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं और पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय पार्टी के लिए चुनौती है। यही कारण है कि संगठन लगातार बैठकें कर रहा है। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर व दतिया के विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख कार्यकर्ताओं से संवाद कर चुके है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है।

उप-चुनाव की तैयारियों के लिए संगठन ने सांसद, विधायक और मंत्रियों की रविवार को भोपाल में बैठक बुलाई। इसमें पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा है यह चुनाव भाजपा बनाम कांग्रेस और कमलनाथ-दिग्विजय बनाम शिवराज सिंह चौहान है। पार्टी का बूथ मजबूत हो इस ²ष्टि से जो कार्य योजना तैयार की है उसे नीचे स्तर तक क्रियान्वयन करने में जुटें। हमारा विपक्षी दल झूठ बोलने और जनता में भ्रम फैलाने के लिए माहिर है। हमें जनता के बीच जाकर कांग्रेस द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करना है।

एक तरफ जहां संगठन जमीनी तैयारी में जुटी है तो दूसरी ओर सरकार ने अपनी रणनीति पर अमल तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मंत्रियों से एक-एक कर चर्चा की। साथ ही उनके क्षेत्रों की योजनाओं पर संवाद किया। साथ ही जिन क्षेत्रों से मंत्री उम्मीदवार है, वहां अन्य मंत्रियों की तैनाती की जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि इस चुनाव में हमें संकल्प, समन्वय, संवाद और संपर्क के साथ जुटना है। कांग्रेस चुनाव को भटकाने की कोशिश करेंगे, लेकिन हमें विकास के मुद्दे पर यह चुनाव लड़ना है। यह चुनाव राष्ट्रीय महत्व को प्रभावित करने वाला चुनाव है। 27 सीटों की जीत-हार मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगी।

वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने कहा, "भाजपा की वर्तमान स्थिति पार्टी के भीतर चल रहे संघर्ष का खुलासा कर रही है। शिवराज सिंह चौहान सरकार में भीतरी तौर पर सत्ता संघर्ष चल रहा है तभी तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को ग्वालियर से लेकर भोपाल तक में होने वाली बैठकों में नहीं बुलाया गया है। जहां तक उप-चुनाव की बात है, जनता भाजपा को सबक सिखाएगी।"

राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का मानना है कि आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा उप-चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है, वह किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती, यही कारण है कि संगठन व सत्ता दोनों ने अपनी ताकत को झौंक दी है। इतना तो तय है कि यह उप-चुनाव भाजपा के लिए उतना आसान नहीं है, जितना बीते सालों के उप-चुनाव हुआ करते थे।


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