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भाजपा आरएसएस के जरिये  पीछे का रास्ता अपना रही : राहुल गांधी

छत्तीसगढ़ में बस्तर दौरे पर आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के जरिये पीछे का रास्ता अपनाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है

भाजपा आरएसएस के जरिये  पीछे का रास्ता अपना रही : राहुल गांधी
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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर दौरे पर आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के जरिये पीछे का रास्ता अपनाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है। आउटसोर्सिग जैसे हथकंडे का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि चुनाव के समय आउटसोर्सिग के कर्मचारी भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम कर सकें।
बस्तर में ग्राम मारकेल के हाईस्कूल में शनिवार को नगरनार इस्पात के विनिवेशीकरण के विरोध में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, "किसी भी उद्योग में स्थानीय को प्राथमिकता पहले मिलनी चाहिए, लेकिन इसके विपरीत भाजपा केवल महाराष्ट्र के निवासियों को ही प्राथमिकता दे रही है। बस्तर के लोगों को उनके जल, जमीन और जंगल का हक मिलना चाहिए। नगरनार इस्पात संयंत्र के प्रभावितों को अगर उनकी जमीन वापस नहीं मिलती है तो कांग्रेस पार्टी उनकी जमीनों को वापस दिलाने के लिए आंदोलन करेगी।"

उन्होंने कहा, "इस बात से भाजपा अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस अपना परचम लहराएगी और अगर ऐसा हुआ तो स्थानीय आदिवासियों को निश्चित ही जल, जंगल और जमीन संबंधी फायदा पहुंचेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में विमुद्रीकरण लागू कर दिया, लेकिन भाजपा आज तक इस बात का खुलासा नहीं कर पाई है कि कितना कालाधन वापस आया है।"

राहुल ने कहा, "उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण का कानून संप्रग सरकार की ओर से लाया गया था, जिसमें जमीन देने या नहीं देने का अधिकार पंचायतों को सौंपा गया था, जिसका विरोध स्वयं नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन अब बड़े उद्योग घराने के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस कानून का मोदी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं का मजाक बना दिया गया है और देश के छत्तीसगढ़ और झारखंड ही ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा की शय पर मजदूर, अमीरों के घर काम कर रहे हैं।

उनका कहना था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इसलिए त्यागपत्र दे दिया, क्योंकि उनका नाम अखबारों में आ गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया। इसके अलावा नगरनार इस्पात संयंत्र अभी पूर्ण रूप से तैयार तक नहीं हुआ है और भाजपा ने इसके निजीकरण का फरमान भी जारी कर दिया है।


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