Top
Begin typing your search above and press return to search.

भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने की उम्मीद, तेलंगाना को लेकर चिंता बढ़ी

पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधान सभा चुनाव में डाले गए मतों की गिनती 3 दिसंबर, रविवार को होगी

भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने की उम्मीद, तेलंगाना को लेकर चिंता बढ़ी
X

नई दिल्ली। पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधान सभा चुनाव में डाले गए मतों की गिनती 3 दिसंबर, रविवार को होगी। रविवार को दोपहर तक लगभग स्थिति साफ हो जाएगी कि जनता ने इन पांचों राज्यों में अगली सरकार बनाने का जनादेश किस राजनीतिक दल को दिया है।

इन पांचों में से तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, दक्षिण भारत राज्य तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा, तीनों राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

भाजपा को विधान सभा चुनाव में मध्य प्रदेश में सरकार बचा लेने के साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन लेने का पूरा भरोसा है यानी पार्टी को यह उम्मीद है कि वह हिंदी पट्टी के इन तीनों राज्यों में जीत हासिल करने जा रही है। हालांकि, तेलंगाना को लेकर पार्टी की दुविधा बढ़ गई है क्योंकि अगर तेलंगाना में भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी नहीं बन पाई तो इससे उसके मिशन साउथ इंडिया को लोक सभा चुनाव में करारा झटका लग सकता है।

दरअसल, कर्नाटक में विधान सभा चुनाव हारने के बाद भाजपा ने तेलंगाना में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी भले ही वहां केसीआर को हराकर राज्य में भाजपा की सरकार बनाने का दावा चुनावी रैलियों और सार्वजनिक मंचों से करते रही हो लेकिन आपसी बातचीत में भाजपा नेताओं का यह मानना होता था कि अगर पार्टी तेलंगाना में इस बार दूसरे नंबर की पार्टी भी बन जाती है तो इसका फायदा पार्टी को अपने मिशन साउथ इंडिया में हो सकता है और इस जीत का फायदा पार्टी तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्य में भी उठा सकती है।

लेकिन, जिस तरह के एग्जिट पोल आए हैं, अगर चुनावी नतीजे भी कमोबेश उसी तरह से आते हैं तो यह बीजेपी के चुनावी रणनीतिकारों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। अगर एग्जिट पोल के अनुसार तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बन जाती है तो भाजपा को इसका नुकसान राष्ट्रीय स्तर पर भी उठाना पड़ सकता है।

कांग्रेस को कर्नाटक के बाद तेलंगाना जैसे संपन्न राज्य की गद्दी अगर मिल जाती है तो पार्टी को चुनावी खर्चे की रणनीति बनाने में काफी मदद मिलेगी। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए गठबंधन और इंडिया गंठबंधन से अलग हटकर तीसरा मोर्चा बनाने की बीआरएस की योजना भी धरी की रह जायेगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it