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भाजपा समिति ने लाठीचार्ज मामले की जांच की, रघुवर दास ने कहा- लाठीचार्ज सरकार प्रायोजित हिंसा

बिहार भाजपा के 13 जुलाई को विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बनाई गई समिति शनिवार को पटना पहुंची और पूरे मामले की जांच की

भाजपा समिति ने लाठीचार्ज मामले की जांच की, रघुवर दास ने कहा- लाठीचार्ज सरकार प्रायोजित हिंसा
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पटना। बिहार भाजपा के 13 जुलाई को विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बनाई गई समिति शनिवार को पटना पहुंची और पूरे मामले की जांच की। चार सदस्यीय समिति के संयोजक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विभिन्न लोगों, घायलों और क्षेत्रों के दौरा करने के बाद कहा कि यह घटना सरकार प्रायोजित हिंसा है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि घायलों से मिलने के बाद हम लोगों ने महसूस किया कि भाजपा द्वारा राजनीतिक मुद्दे पर शांतिपूर्ण मार्च था। और, कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने प्रायोजित हिंसा करवाई, जो दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है। आंसू गैस में मिर्ची पाउडर डाले गए। बर्बरता का ऐसा आलम था कि विजय सिंह जैसे साथी की शहादत हो गई।

उन्होंने कहा कि महिला समेत 1,000 लोग घायल हो गए, जिसमें 300 अति गंभीर हैं। यह एक सोची समझी साजिश थी, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। मार्च को रोकने की कोशिश की गई, लाठीचार्ज के कारण विजय सिंह के सिर में चोट लगी और उनकी मौत हो गई।

समिति के सदस्य और सांसद मनोज तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि करीब 771 लोगों के कमर के ऊपर लाठियां चली है। जिसमें अधिकांश के सिर पर लाठियां बरसाई गई। उन्होंने कहा कि बातचीत या वीडियो फुटेज देखने से मन में आशंका बनती है कि जिस तरह लाठियां चलाईं गई, वह पुलिस के ही जवान थे या गुंडे थे, जिन्हें पुलिस की वर्दी पहना दी गई थी।

मनोज तिवारी ने सवाल उठाया कि आखिर संकरे रास्ते के लिए रूट क्यों बदला गया।

समिति की महिला सदस्य और सांसद सुनीता दुग्गल ने तो स्पष्ट लहजे में कहा कि महिलाओं पर जिस तरह पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा लाठियां बरसाई गई उसे सभ्य समाज भी स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि ऐसा दृश्य आज तक कभी कोई नहीं देखा होगा। घायल महिलाओं से बात करने पर साफ हुआ कि उनकी छातियों पर वार किया गया। समिति इस निर्णय पर पहुंची है कि इस घटना कि न्यायिक जांच होनी चाहिए।

पटना के एसएसपी रहे और पलामू के सांसद तथा समिति के सदस्य बीडी राम ने कहा कि पुलिस अधिकारी होने के नाते मुझे मालूम है कि प्रदर्शन, रैली को रोकने के लिए कम से कम शक्ति का प्रयोग करने का नियम है। लेकिन, वीडियो फुटेज देखने और घायलों को देखने से साफ पता चलता है कि नियम का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों के पीठ और सिर पर जख्म इसके प्रमाण हैं कि बर्बरता की यह पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए पुलिस बल को आत्ममंथन करना चाहिए और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। समिति अपनी जांच रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी।

प्रेस वार्ता का संचालन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने किया l


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