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झारखंड में चुनावी अभियान में जुटी भाजपा, हिमंता बोले - 'अगली सरकार हमारी'

भारतीय जनता पार्टी झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के अभियान में जुटी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को रांची में पार्टी के करीब 500 मंडलों के अध्यक्षों का बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया

झारखंड में चुनावी अभियान में जुटी भाजपा, हिमंता बोले - अगली सरकार हमारी
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रांची। भारतीय जनता पार्टी झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के अभियान में जुटी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को रांची में पार्टी के करीब 500 मंडलों के अध्यक्षों का बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया।

सम्मेलन में असम के सीएम एवं झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा, पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राज्य भर से जुटे मंडल अध्यक्षों के साथ चुनावी रणनीति और पार्टी का एजेंडा साझा किया। सभी ने एक स्वर में विधानसभा का चुनाव जीतने और राज्य में भाजपा की सरकार बनाने का संकल्प लिया।

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने मंडल अध्यक्षों से कहा कि जनता का आशीर्वाद भाजपा के साथ है। राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का मामला हो या फिर पिछड़ों-दलितों का आरक्षण बढ़ाने की बात हो, इस सरकार ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को इस सरकार ने अपने वोट बैंक के लिए संरक्षण दिया। यहां की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। हमें इन तमाम मुद्दों को हर गांव और हर बूथ तक पहुंचाना है। हमें संकल्प लेना है कि जब तक हम इस सरकार को गद्दी से हटा नहीं देते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मंडल अध्यक्षों को ‘बूथ जीतो, चुनाव जीतो’ का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता सर्वोपरि हैं। कार्यकर्ता ही हैं, जो पार्टी की रणनीति को धरातल पर उतारते हैं। हमें राज्य में इस बार सरकार बनानी है, यही संकल्प लेकर यहां से जाएं और एक-एक बूथ पर पार्टी का संदेश पहुंचाएं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने विधानसभा में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन अब उससे साफ मुकर गए हैं। इसी तरह महिलाओं को हर साल 72 हजार देने, वृद्धों-विधवाओं को ढाई हजार पेंशन देने, पांच लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे को नकार दिया। ऐसे में इस सरकार पर कौन भरोसा करेगा?

मरांडी ने मंडल अध्यक्षों का आह्वान किया कि वे अभी से चुनाव की रणनीति को जमीन पर उतारने के अभियान में जुट जाएं।


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