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सरकार के जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट नाराज

बिलासपुर ! संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में आज सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश नहीं किया और न ही संसदीय सचिवों ने अपना जवाब दिया।

सरकार के जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट नाराज
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बिलासपुर ! संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में आज सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश नहीं किया और न ही संसदीय सचिवों ने अपना जवाब दिया। हाईकोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई 28 जून से शुरू होगी।
ज्ञात हो कि 11 संसदीय सचिवों के नियुक्ति की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए राकेश चौबे द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। कहा गया कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत उक्त पद का कोई प्रावधान नही है इसके बाद भी राज्य शासन द्वारा संसदीय सचिव नियुक्त कर अपने लोगों को उपकृत कर लाभ पहुंचाया गया। यह अनुचित है इसलिए सभी नियुक्तियां रद्द की जाएं। प्रारंभिक सुनवाई में तत्कालीन सीजे दीपक गुप्ता की युगलपीठ ने राज्य शासन, सीएम एवं मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए थे। 13 दिसम्बर 2015 की सुनवाई में शासकीय महाधिवक्ता जे के गिल्डा की ओर से कहा गया कि इस संबंध में राज्य शासन की ओर से 19 फरवरी के पूर्व जवाब पेश किया जाएगा। 13 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि इस मामले में कवर्धा के पूर्व विधायक मोहम्मद अकबर की ओर से भी रिट याचिका लगाई गई है, जिसमें संसदीय सचिवों की नियुक्ति की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए इनकी नियुक्ति रद्द किए जाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं को एक प्रवृत्ति का मानते हुए मोहम्मद अकबर की रिट याचिका को जनहित याचिका में मर्ज करते हुए राज्य शासन, सीएम एवं मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अंतिम रुप से आठ सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए थे। सीजे टीबी राधाकृष्णन एवं जस्टिस पी.सेम कोसी के युगलपीठ में मामले की आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता हमर संगवारी के राकेश चौबे के ओर से अधिवक्ता संजय पांडे, अभ्युदय सिंह उपस्थित थे। शासन के ओर से जवाब पेश नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए 28 जून से अंतिम सुनवाई करने का निर्णय लिया है।


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