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पटना में आज रोड शो और रैली के साथ 'वोटर अधिकार यात्रा' का होगा समापन

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार के 23 जिलों को 14 दिनों में कवर करने के बाद वोटर अधिकार यात्रा 1 सितंबर यानी सोमवार को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रोड शो और रैली के साथ समाप्त होगी

पटना में आज रोड शो और रैली के साथ वोटर अधिकार यात्रा का होगा समापन
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पटना में 'गांधी से अंबेडकर मार्च' के साथ वोटर अधिकार यात्रा का समापन

  • राहुल-तेजस्वी की अगुवाई में लोकतंत्र बचाने की हुंकार, पटना में रैली आज
  • 23 जिलों की यात्रा के बाद गांधी मैदान में विपक्ष की एकजुटता
  • वोटर अधिकार यात्रा का पटना में अंतिम पड़ाव, मतदाता सूची पर विपक्ष का हमला
  • 65 लाख नाम हटाने के आरोप के बीच इंडिया गठबंधन की रैली से लोकतंत्र की पुकार

पटना। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार के 23 जिलों को 14 दिनों में कवर करने के बाद वोटर अधिकार यात्रा 1 सितंबर यानी सोमवार को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रोड शो और रैली के साथ समाप्त होगी।

सासाराम (रोहतास ज़िला) से शुरू हुई इस यात्रा को विपक्ष ने 'बिहार के आम लोगों के लोकतंत्र और मताधिकार को बचाने' की लड़ाई के रूप में पेश किया है।

1 सितंबर के कार्यक्रम के अनुसार, इंडिया गठबंधन के नेता सुबह 10.50 बजे से 11.05 बजे तक गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

यह मार्च महात्मा गांधी की प्रतिमा से शुरू होकर एसपी वर्मा रोड, डाक बंगला चौक, कोतवाली थाना, नेहरू पथ से होते हुए डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तक जाएगा और दोपहर 12.30 बजे अंबेडकर पार्क, नेहरू पथ पर समाप्त होगा।

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इस मार्च को 'गांधी से अंबेडकर मार्च' नाम दिया है। वे दोपहर 12.30 बजे डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वहां एक जनसभा भी होगी।

इस रैली को राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी संबोधित करेंगे।

यात्रा के दौरान, इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) पर निशाना साधा और दावा किया कि 65 लाख से ज्यादा नाम हटा दिए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कवायद जानबूझकर गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के नाम हटाकर भाजपा और उसके सहयोगियों को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है, जिन्हें विपक्षी दलों का पारंपरिक समर्थक माना जाता है।

अभियान के दौरान नेताओं ने आरोप लगाया, "बिहार की मतदाता सूची से लाखों नामों को हटाना न सिर्फ राजनीतिक हेरफेर है, बल्कि लोकतंत्र और लोगों के नागरिक अधिकारों पर सीधा हमला है।"


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