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राहुल और तेजस्वी बिहार को गुमराह कर रहे हैं, महागठबंधन की पदयात्रा चोर के खिलाफ चोरी की तरह : गिरिराज सिंह

बिहार के बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी नेताओं की जमकर आलोचना की

राहुल और तेजस्वी बिहार को गुमराह कर रहे हैं, महागठबंधन की पदयात्रा चोर के खिलाफ चोरी की तरह : गिरिराज सिंह
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गिरिराज सिंह का हमला: राहुल–तेजस्वी बिहार को गुमराह कर रहे हैं

  • चुनाव में फतवा जारी हुआ तो मंदिरों से भी हुंकार उठेगी: गिरिराज सिंह
  • बेगूसराय में फैक्ट्री उद्घाटन, गिरिराज सिंह ने बिहार को टेक्सटाइल हब बनाने की बात कही

बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी नेताओं की जमकर आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि चुनाव के दौरान मस्जिदों से फतवा जारी किया जाएगा, तो मंदिरों से भी हुंकार भरी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बेगूसराय के बैकुंठपुर में स्थित एक फैक्ट्री का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विपक्ष पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और चेतावनी भरे लहजे में कहा, "अगर मस्जिदों से फतवा जारी किया जाएगा, तो मंदिरों से भी हुंकार भरी जाएगी। हिंदू समाज चुप नहीं बैठेगा।"

गिरिराज ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "राहुल और तेजस्वी जैसे नेता बिहार को गुमराह कर रहे हैं। महागठबंधन की पदयात्रा चोरी के खिलाफ चोर की तरह है।"

कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने बिहार को टेक्सटाइल हब बनाने की योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बेगूसराय में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) जल्द खुलेगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। फैक्ट्री के उद्घाटन से 5,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जो बिहार की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।

बता दें कि गिरिराज सिंह बेगूसराय में आदित्य बिड़ला फैशन रिटेल लिमिटेड की नई परिधान फैक्ट्री के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने फैक्ट्री का उद्घाटन किया और विशाल जनसभा को संबोधित किया।

इसके अलावा गिरिराज सिंह ने भारत में बढ़ते हैंडलूम बाजार की तारीफ की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया, "हैंडलूम सिर्फ धागा नहीं, भारत की पहचान है। 2004-14 में जहां मार्केटिंग सहायता मात्र 157 करोड़ रुपए थी, वहीं 2014 से अब तक यह बढ़कर 340 करोड़ रुपए हो चुकी है। इस बढ़ी हुई सहायता से बुनकरों को नए मार्केट लिंक, प्रदर्शनियों और वैश्विक अवसरों तक पहुंच मिली है।"

उन्होंने लिखा, "आज भारतीय हैंडलूम उत्पाद न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं। अब हम नए बाजारों में डायवर्सिफाई कर रहे हैं और हालिया जीएसटी सुधारों ने हैंडलूम को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है। सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है कि बुनकरों की आय बढ़े, उन्हें वैश्विक बाजार से जोड़ना और आने वाली पीढ़ी को इस विरासत से जोड़ना।"


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