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बिहार सरकार नहीं चाहती दरभंगा में एम्स बने : भाजपा

भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि बिहार सरकार नहीं चाहती कि बिहार के दरभंगा में एम्स का निर्माण हो, जबकि राज्य के नेताओं ने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।

बिहार सरकार नहीं चाहती दरभंगा में एम्स बने : भाजपा
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पटना । भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि बिहार सरकार नहीं चाहती कि बिहार के दरभंगा में एम्स का निर्माण हो, जबकि राज्य के नेताओं ने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।

भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार सरकार ने पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) के परिसर के अंदर भूमि आवंटित की थी। उन्होंने जगह बदलकर शोभन बाइपास को क्यों दे दी। बिहार सरकार नहीं चाहती कि दरभंगा में एम्स बने, ताकि इसका श्रेय पीएम मोदी को न मिले। उन्होंने जानबूझ कर स्थान बदला है।

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने पूछा कि बिहार सरकार ने एम्स के निर्माण के लिए डीएमसीएच परिसर के अंदर लगभग 90 एकड़ जमीन क्यों दी है। डीएमसीएच सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर डीएमसीएच के एक ही परिसर में दो अस्पताल मौजूद हैं तो इसमें गलत क्या है? सोभन बाईपास पर जो स्थान दिया गया है वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। बाढ़ग्रस्त इलाके में सात मंजिला इमारतें कैसे बनाई जा सकती हैं? नीतीश कुमार नहीं चाहते कि दरभंगा में एम्स बने।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दावा किया था कि उनकी सरकार दरभंगा में एम्स बनाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए जमीन की जरूरत है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पत्र भी लिखा था। जब विकास की बात आती है तो नरेंद्र मोदी सरकार राजनीति करने में विश्‍वास नहीं करती।

मंडाविया ने अपने पत्र में कहा कि 19 सितंबर 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने दरभंगा में एम्स बनाने की इजाजत दे दी थी। 3 नवंबर 2021 को बिहार सरकार ने जमीन दे दी थी, लेकिन जब बिहार में महागठबंधन सरकार सत्ता में आई, तो उन्होंने 2023 में स्थान बदल दिया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को राजनीति से बाहर आना चाहिए और हमें जमीन आवंटित करनी चाहिए। हम दरभंगा में एम्स बनाने को तैयार हैं। हमारा इरादा स्पष्ट है।

पीएम मोदी ने एक वीडियो बयान में कहा था कि एम्स दरभंगा आम लोगों के लिए खुला है। आसपास के लोगों को इलाज के लिए हजारों किमी दूर नहीं जाना पड़ेगा। पीएम के बयान के बाद तेजस्वी यादव और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने सार्वजनिक रूप से झूठ बोलने के लिए पीएम मोदी पर कटाक्ष किया था।

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक पत्र शेयर किया, जिसमें उन्होंने इस साल जून में मनसुख मंडाविया को दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए कहा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो बयान भी अपलोड किया, जिसमें कहा गया, ''पीएम नरेंद्र मोदी ने देश से झूठ बोला है।''

यादव ने कहा, ''मैं पीएम से अपील करना चाहता हूं कि वे अधिकारियों से उचित जानकारी लें। पीएम को झूठ नहीं बोलना चाहिए। दरभंगा में कोई एम्स चालू नहीं है। मुख्यमंत्री प्रयास कर रहे हैं और करीब 151 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। हमने मिट्टी भराई के लिए 300 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। यह स्थान दरभंगा हवाईअड्डे से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है, लेकिन भाजपा के दबाव के कारण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस परियोजना को रोक दिया।''

वहीं ललन सिंह ने मोदी पर बिहार और देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।



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