बिहार : पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपनी ही सरकार से नाराज, सदन में लाएंगे निजी बिल
बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक सुधाकर सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मंगलवार को कहा कि बिहार में कृषि रोड मैप दो में 10 साल पहले कृषि विपणन के लिए कानून होना चाहिए

पटना। बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक सुधाकर सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मंगलवार को कहा कि बिहार में कृषि रोड मैप दो में 10 साल पहले कृषि विपणन के लिए कानून होना चाहिए, लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कहा कि 13 दिसंबर से शुरू हो रहे बिहार विधान सभा के शीतकालीन सत्र में मंडी कानून को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे।
सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने विधानसभा को इसकी लिखित जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि 2006 में कृषि मंडी कानून समाप्त करने के बाद मूल्य स्तर और उत्पादन स्तर पर राज्य के किसानों को गेहूं और धान में करीब 90 हजार करोड़ रुपये जबकि सभी फसलों को मिला लें तो करीब डेढ लाख करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है।
सिंह ने किसानों की इस स्थिति के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कई संस्थाएं यह कह चुकी हैं कि मंडी कानून होना चाहिए जिससे किसानों को फसल का न्यूनतम मूल्य मिल सके।
उन्होंने प्राइवेट मेंबर बिल के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि यह बिहार की 80 फीसदी आबादी को प्रभावित करना वाला बिल है। खाद्यान के रूप में देखें तो 100 फीसदी आबादी को प्रभावित करने वाला है। ऐसे मुद्दे को लेकर सदन में सहमति बन जाएगी, इसकी मुझे पूरी उम्मीद है। मुझे विश्वास है कि कोई भी किसानों के खिलाफ नहीं जाना चाहेगा।
उन्होंने दावे के साथ कहा कि मुख्यमंत्री भी इसके साथ होंगे क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो कृषि रोड मैप में किसानों को कृषि विपणन की जरूरत की बात नहीं लिखी होती।


