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भारत में अवैध वीओआईपी एक्सचेंज का उपयोग करने वाले सबसे बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़

जम्मू एवं कश्मीर मिलिट्री इंटेलिजेंस और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पाकिस्तान के सबसे बड़े उस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो लद्दाख में भारतीय सुरक्षा बलों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रया

भारत में अवैध वीओआईपी एक्सचेंज का उपयोग करने वाले सबसे बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़
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नई दिल्ली/मुंबई | जम्मू एवं कश्मीर मिलिट्री इंटेलिजेंस और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पाकिस्तान के सबसे बड़े उस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो लद्दाख में भारतीय सुरक्षा बलों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा था। यह जासूसी नेटवर्क अवैध वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) एक्सचेंज का इस्तेमाल करता था।

इस संबंध में मुंबई में अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा कि नेटवर्क में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान और इसी तरह की अन्य एक्सचेंजों के स्थानों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में और गिरफ्तारिया होने की उम्मीद है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा और भारतीय सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान के तहत यह कार्रवाई की है। इस संयुक्त अभियान में मुंबई में अवैध वीओआईपी एक्सचेंज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तीन कार्यात्मक (फंक्शनल) चीनी सिम बॉक्स और एक स्टैंडबाय सिम बॉक्स के साथ ही 191 सिम कार्ड, लैपटॉप मॉडेम, एंटेना, बैटरी और कनेक्टर का पता लगाया गया है।

वीओआईपी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) नेटवर्क पर आवाज और मल्टीमीडिया सामग्री का ट्रांसमिशन है।

वीओआईपी एक्सचेंज का उपयोग कर जासूसी नेटवर्क का संचालन करने के बारे में मई की शुरुआत में पता चला था, जब सुरक्षा बलों को संदिग्ध नंबरों से कॉल किए गए थे। फोन करने वाले व्यक्ति ने लद्दाख क्षेत्र से संबंधित जानकारी और महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में जानने क कोशिश की थी।

संयोग से यह घटनाक्रम तब सामने आया जब पिछले कुछ समय से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव की स्थिति बनी हुई है और दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास आमने-सामने हैं। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की। दोनों देशों ने हालांकि उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और इस मुद्दे को हल करने के लिए स्थापित द्विपक्षीय तंत्र का उपयोग कर रहे हैं।

चूंकि कॉल करने वाले अपनी पहचान छुपा रहे थे, इसलिए जांच एजेंसियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका पर संदेह हुआ। दोनों एजेंसियों द्वारा आगे की जांच से पता चला है कि मुंबई में कुछ अवैध वीओआईपी एक्सचेंज, जो पाकिस्तान से स्थानीय नंबरों पर आने वाली कॉल को रूट करते हैं, का उपयोग रक्षा व्यक्तियों से जानकारी निकालने के लिए किया गया है।

सूत्रों ने कहा, "इस जानकारी के आधार पर अपराध शाखा और सैन्य खुफिया ने एक संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया।"

सूत्रों ने बताया कि ये टेलिफोन एक्सचेंज चीनी सिम बॉक्स का उपयोग करके पाकिस्तान से आने वाली फोन कॉल को कन्वर्ट करके लोकल नंबर की कॉल बना देते थे। इससे लोगों का लगता था कि फोन मुंबई से आ रहा है और उनका पता लगाना भी मुश्किल हो जाता था।

यह प्रणाली भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा अवैध घोषित की गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उन्हें पता चला है कि इन अवैध एक्सचेंजों का इस्तेमाल दुश्मन खुफिया एजेंसियों द्वारा कॉल के माध्यम से सैन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा था, जो कि देश के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा है।


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