Top
Begin typing your search above and press return to search.

किसान यूनियन, सरकार के बीच दो मसलों पर रजामंदी, अगले दौर में बाकी पर होगी बात : तोमर 

 केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को बताया कि किसानों से जुड़े चार मसलों पर हुई बातचीत के दौरान किसान यूनियनों और सरकार के बीच दो मसलों यानी 50 फीसदी रजामंदी हो गई है

किसान यूनियन, सरकार के बीच दो मसलों पर रजामंदी, अगले दौर में बाकी पर होगी बात : तोमर 
X

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को बताया कि किसानों से जुड़े चार मसलों पर हुई बातचीत के दौरान किसान यूनियनों और सरकार के बीच दो मसलों यानी 50 फीसदी रजामंदी हो गई है और बाकी दो मुद्दों पर चार जनवरी को अगले दौर की वार्ता में सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 35 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच यह छठे दौर की औपचारिक वार्ता थी। वार्ता के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि पराली दहन अध्यादेश के तहत किए गए दंड और जुर्माने के प्रावधान से किसानों को मुक्त रखने के विषय पर सरकार ने यूनियन के नेताओं से कहा है कि हम आपकी चिंता से वाकिफ हैं और इस विषय पर दोनों पक्षों में रजामंदी हो गई है।

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन अध्यादेश, 2020 तथा विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 पर सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की तथा सरकार ने किसान संगठनों के सुझाव पर सैद्धान्तिक रूप से इन दोनों विषयों पर अपनी सहमति जताई।

कृषि मंत्री ने बताया कि दूसरा विषय बिजली कानून से संबंधित है जो अभी आया नहीं हैं, लेकिन किसानों को लगता है कि अगर अगर बिजली के क्षेत्र में रिफॉर्म को लेकर नया कानून आएगा तो उससे उन्हें नुकसान होगा। यूनियन की मांग थी कि किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए जो बिजली बिल में राज्य जिस प्रकार सब्सिडी दे रही है वह वैसे ही चलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस विषय पर भी किसान यूनियनों के साथ सरकार की सहमति बन गई है।

किसान यूनियनों के नेताओं के साथ विज्ञान भवन में आयोजित छठे दौर की वार्ता में कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर के साथ रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे।

किसान यूनियनों के साथ बाकी दो मसले, तीनों कृषि कानून और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से संबंधित थे जिन पर यूनियन के नेताओं और मंत्रियों के बीच काफी चर्चा हुई।

कृषिमंत्री ने किसान आंदोलन के दौरान अनुशासन बनाए रखने के निए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया और उनसे ठंड को देखते हुए आंदोलन में शामिल महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को घर भेजने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों का समाधान करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को तैयार है। वार्ता के दौरान एमएसपी और तीन नये कृषि कानूनों के मसले पर सरकार ने फिर किसान नेताओं को समिति बनाकर समाधान तलाशने का प्रस्ताव दिया।

किसान संगठनों के एमएसपी पर कानून बनाने के प्रस्ताव पर कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की एमएसपी तथा उनके बाजार भाव के अंतर के समाधान हेतु समिति का गठन किया जा सकता है।

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्पों के आधार पर विचार किया जा सकता है जिससे संविधानात्मक मर्यादा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके।

कृषि मंत्री ने बताया कि वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई और दोनों पक्षों ने आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

कृषि मंत्री द्वारा किसान संगठनों से अनुरोध किया गया कि कृषि सुधार कानूनों के संबंध में वे अपनी मांग के अन्य विकल्प दे जिस पर सरकार विचार कर सकेगी।

सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगली बैठक चार जनवरी 2021 को दोपहर 2.00 बजे निर्धारित की गई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it