अनमोल निधि है योग : सौन्दर्य एवं समग्र स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी
भारतीय परंपरा हमेशा से ही जीवन को समग्र और संतुलित रूप से जीने की दृष्टि प्रदान करती रही है। भारतीय चिंतन और परंपरा का आधार रहा है

- शहनाज हुसैन
भारतीय परंपरा हमेशा से ही जीवन को समग्र और संतुलित रूप से जीने की दृष्टि प्रदान करती रही है। भारतीय चिंतन और परंपरा का आधार रहा है योगशास्त्र । योग एक ऐसी अनमोल निधि है जिसका उपयोग करके शारीरिक सौंदर्य और मानसिक शक्ति हासिल की जा सकती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, अनिंद्रा, रक्तचाप, मोटापा और आपाधापी से जन्मे अनेक रोगों को योग के माध्यम से दूर रखा जा सकता है और शारीरिक सौंदर्य को हासिल किया जा सकता है। छरहरी काया, दमकती त्वचा और कांतिमय केश की चाहत को योग एवं आयुर्वेदिक जीवन प्रणाली के जरिए प्राप्त किया जा सकता है।
प्रतिदिन महज आधा घण्टा सुबह तथा शाम सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, उत्थान आसन, कपालभाती, धनुआसन तथा सांसों की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौन्दर्य तथा प्राकृतिक आकर्षण को जीवन पर्यन्त बनाए रख सकते हैं। बालों तथा त्वचा के सौंदर्य को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं दूसरी ओर शरीर में प्राण वायु का प्रभावी संचार होता है तथा रक्त का प्रभाव बढ़ता है। प्राणायाम सही तरीके से सांस लेने की बेहतरीन अदा है। प्रतिदिन 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक शुद्धि हो जाती है।
प्राणायाम का आज पूरे विश्व में अनुसरण किया जाता है। प्राणायाम से मानव मस्तिष्क में व्यापक आक्सीजन तथा रक्त संचार होता है। जिससे बालों की प्राकृतिक रूप से वृद्धि होती है तथा बालों का सफ़ेद होना तथा झडऩे जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है। योग का मानसिक शारीरिक, भावनात्मक तथा मनोभाव पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है। योग से आप आत्मिक तौर पर शान्त महसूस करते हैं, जिससे आपके बाहरी सौन्दर्य में भी निखार आता है।
आमतौर पर अनिद्रा, तनाव आदि में पैदा होने वाली कील, मुहांसे, काले धब्बों आदि की समस्याओं के स्थाई उपचार में योग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते है। कपालभाती शरीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। उससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है। धनुआसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है तथा शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है तथा त्वचा की रंगत में निखार भी आता है। चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यनमस्कार तथा प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन है।
योग प्राचीन भारतीय विद्या है तथा इसके निरन्तर अभ्यास से संयमित व्यक्तित्व तथा वृद्धावस्था की भाव मुद्राओं को रोकने में मदद मिलती है। योग का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे सांसों पर नियन्त्रण रहता है तथा योगाभ्यास के दौरान सांस खींचने तथा सांस बाहर निकलाने की उचित विधि से श्वांस को संयमित करने में मदद मिलती है जिससे शरीर में आक्सीजन को नियन्त्रित करने में सहायक सिद्ध होती है। योग से शारीरिक तथा मानसिक उल्लास की असीम अनुभूति प्राप्त होती है। योग सौन्दर्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि आन्तरिक सौंदर्य से ही सही शारीरिक सौंदर्य की प्राप्ति की जा सकती है।
येाग से रक्त संचार के प्रवाह में सुधार होता है। यह रक्त संचार सुन्दर त्वचा के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है क्योंकि इससे त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं और जिससे त्वचा सुन्दर तथा निखरी दिखाई देती है। इससे त्वचा में रंगत तथा स्फूर्ति आ जाती है। यह अवधारणा बालों पर भी लागू होती है। योग से सिर की त्वचा तथा बालों के कोश में रक्त संचार तथा आक्सीजन का व्यापक निरन्तर प्रवाह होता है। इससे बालों के रक्त संचार को पोष्टिक तत्व पहुंचाने में काफी मदद मिलती है।
योग से शरीर के हर टिशू को आक्सीजन प्राप्त होती है जिसे शरीर में सौंदर्य तथा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप ऐसी जीवनशैली गुजार रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधि नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को नियन्त्रण दे रहे है योग तथा शारीरिक श्रम से आदमी को यौवन की स्थिति को लम्बें समय तक बनाए रखने में मदद मिलती है क्योंकि इससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा शरीर सुव्यवस्थित तथा तन्दुरूस्त रखने में भी मदद मिलती है योग आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा हड्डियों के जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है।
मांसपेशियों में रंगत आती हैए रक्त संचार में सुधार होता है, प्राण शक्ति का प्रवाह होता है तथा सौंदर्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। अनेक सौंदर्य समस्याएं मानसिक तनाव की वजह से उत्पन्न होती है।
योग से तनाव को कम करने तथा स्वछन्द मानसिक उन्मुक्त वातावरण तैयार करने में मदद मिलती है तथा इससे तनाव से जुड़ी सौंदर्य समस्याओं को निजात प्रदान करने में मदद मिलती है। योग के लगातार अभ्यास से कील मुंहासों, बालों के झडऩे की समस्याओं, सिर की रूसी आदि समस्याओं का स्थाई उपचार मिलता है योग तथा शारीरिक क्रियायें करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया हैं उनके व्यक्तित्व में भावनात्मक स्थिरता, आत्म विश्वास, उचित मनोभाव जैसे सकारात्मक बदलाव महसूस किये गए हैं।
वास्तव में योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने तथा संवारने में काफी मदद मिलती है। आज का समय लगातार बढ़ती जटिलताओं और गति का समय है। जीवनयापन के लिए हर कोई लगातार गतिमान है। भाग-दौड़ की इन स्थितियों में एक सुसंगत, संयमित और स्वास्थ्य जीवन दृष्टि की खोज हर व्यक्ति को है। हर कोई अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहता है। योग जीवन को गहराई देने की एक विधा है। ऐसे में भारत का अनुसरण करते हुए विश्व के दूसरे देश भी योग को जीवन शैली में सुधार लाने का एक प्रमुख उपाय मान रहे हैं।
जीवन की भाग-दौड़ वाली जिंदगी से परेशान होकर हर कोई जिंदगी को आसान बनाना चाहता है। ऐसी स्थिति में क्या हम अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए थोड़ा समय योग को नहीं दे सकते योग एक ऐसी विधा है जिससे हम अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। जब तक मन शुद्ध या स्थिर नहीं होता, हमारा तन भी अशुद्ध रहता है। योगाभ्यास द्वारा ही तन व मन की शुद्धि होती है और हमारा तन-मन निरोगी हो जाता है।
योगाभ्यास से मन को स्वस्थ्य और शांत बनाया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ्य बनाने में तन और मन का बेहतर योगदान होता है। आमतौर पर देखा गया है कि हमारी शारीरिक बीमारियों के मानसिक आधार होते हैं। क्रोध हमारे मन को विकृत करता है जिससे हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं फिर भी क्रोध से बिल्कुल अनभिज्ञ रहते हैं। योगाभ्यास क्रोध पर नियंत्रण रखने में अहं भूमिका निभाता है।
योग वास्तव में शारीरिक समस्याओं को दूर करने , सौंदर्य तथा मानसिक शांति प्राप्त करने की अनमोल निधि है। यह जीवन को संतुलित रूप से जीने का शास्त्र है। हम खुश किस्मत हैं कि भारतीय जीवनशैली में योग वर्षों पुरानी परंपराओं में शामिल रहा है। आज हम अपनी इसी अनमोल थाती को अपनाकर जीवन को संपूर्ण बना सकते हैं।
(लेखिका अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञा है।)


