विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा में शून्यकाल भी नहीं चला
लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण लगातार तीसरे दिन ना प्रश्नकाल चल पाया और ना ही शून्यकाल।;
नयी दिल्ली। लोकसभा के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिसके कारण लगातार तीसरे दिन ना प्रश्नकाल चल पाया और ना ही शून्यकाल।
एक बार के स्थगन के बाद पांच बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाए और सदन को चलाने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा इससे ज्यादा हो गया जिसे देखते हुए मीनाक्षी लेखी ने सदन की कार्यवाही छह बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले अपराह्न चार बजे विपक्षी सदस्य कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामें के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और भाजपा के रमेश बिधूड़ी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा। नारेबाजी और शोरशराबे के बीच ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिये। दिव्यांगों की सुविधा से जुड़े प्रश्न उठाने वाले श्री बिधूड़ी ने विपक्षी सदस्यों को उलाहना देते हुए कहा कि वे दिव्यांगों के हित के सवाल उठाने दें और सदन को बाधित नहीं करें।
सदन में जब नारेबाजी तथा हंगामा नहीं थमा तो श्री बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने कहा कि प्रश्नकाल विपक्ष के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें जनता के हित के विषयों पर सरकार जवाब देती है। इसलिए प्रश्नकाल बाधित नहीं करना चाहिए। लेकिन इसका विपक्षी सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।