यशवंत सिन्हा ने गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के लिए मोदी-जेटली पर किया करारा वार

यशवंत सिन्हा ने PM मोदी के झोलाछाप अर्थशास्त्रियों पर सवाल उठाते हुए गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेटली पर जोरदार प्रहार किया है।;

Update: 2017-09-27 10:52 GMT

किया अरुण जेटली पर वार, नोटबंदी पर भी उठाये सवाल

यदि मैं अभी नहीं कहूंगा तो कब कहूंगा....

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झोलाछाप अर्थशास्त्रियों पर सवाल उठाते हुए गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेटली पर जोरदार प्रहार किया है।

अंग्रेज़ी अखबार The Indian Express में I need to speak up now शीर्षक से प्रकाशित अपने लेख में श्री सिन्हा ने शुरूआत इन शब्दों से की है -

"वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था के साथ जो गड़बड़ियाँ की हैं, यदि मैं उनके खिलाफ अब भीनहीं बोलूँगा तो मैं अपने राष्ट्रीय कर्त्योंका निर्वहन करने में असफल रहूँगा। मैं यह भी आश्वस्त हूँ कि जो कुछ मैं कह रहा हूँ, वह बड़ी संख्या में भाजपा के लोगों की भावना है, जो डर की वजह से नहीं बोल रहे हैं। "

सिन्हा ने नोटबंदी के फैसले पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। अपने लेख के माध्‍यम से सिन्हा ने मोदी सरकार पर कटाक्ष किए हैं।

यशवंत सिन्हा ने लिखा है कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है लेकिन ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम में लगे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखायेंगे।

उन्होंने लिखा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज गति से हो पा रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और बिजनेस पर काफी असर पड़ा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते हुए उन्होंने लेख में लिखा है कि इस सरकार में वह अभी तक सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही यह तय था कि जेटली ही वित्त मंत्री का पदभार संभालेंगे। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका।

श्री सिन्हा ने आगे लिखा कि इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन भी वाजपेयी के करीबी थे, इसके बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था, लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला।

उन्होंने लिखा कि मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है और मुझे पता है ये काम इतना आसान काम नहीं है।

सिन्हा ने लिखा है कि जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती।

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