एक साथ चुनाव कराने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा : एआईएफबी

अखिल भारतीय फॉरवार्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव का रविवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे तानाशाही, भ्रष्टाचार बढ़ेगा और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा;

Update: 2018-07-08 23:09 GMT

नई दिल्ली। अखिल भारतीय फॉरवार्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव का रविवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे तानाशाही, भ्रष्टाचार बढ़ेगा और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा। एआईएफबी के महासचिव जी. देवराजन ने कहा, "यह विडंबना है कि जहां दुनिया के दूसरे लोकतांत्रिक देश राइट टू रिकॉल की संभावना तलाश कर उस पर बहस कर रहे हैं, वहीं दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत लोकतंत्र के प्राचीन चरण पर लौट रहा है जिससे सिर्फ तानाशाही को बढ़ावा मिलेगा।"

विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को शनिवार और रविवार को आमंत्रित किया था। 

देवराजन ने बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि उनकी पार्टी मानती है कि यह प्रस्ताव वर्षो से संचालित गणतांत्रिक और लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है और देश के संघीय ढांचे के लिए हानिकारक है।

उन्होंने कहा, "चुनाव जनता के लिए सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा करने का अवसर होते हैं। यदि निश्चित अवधि की सरकार की स्थापना की जाए तो लोग लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित हो जाएंगे जो कि गणतंत्र की व्याख्या के खिलाफ है।"

उन्होंने कहा कि सदन के सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे और आम चुनावों में अंतर होता है और प्रस्ताव से चुनावों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 को कमजोर करेगा और इससे राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

देवराजन ने इसके बाद कहा, "भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसलिए लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों को कायम रखने और उनकी रक्षा की समीक्षा आर्थिक आधार पर नहीं करनी चाहिए।"

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