मध्यप्रदेश में गरीबी का ग्राफ लगातार क्यों बढ़ रहा है: कमलनाथ

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर गरीबी और रोजगार के मुद्दों को लेकर हमला बोला है;

Update: 2018-10-23 17:35 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर गरीबी और रोजगार के मुद्दों को लेकर हमला बोला है।

सरकार से 40 सवालों की श्रृंखला में आज  कमलनाथ ने गरीबी और रोजगार के संबंध में सरकार से सवाल पूछे हैं।

अपने ट्वीट में कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से जारी राज्यों की संपत्ति के सूचकांक में मध्यप्रदेश के सिर्फ़ 15.8 फीसदी परिवार संपन्नता के दायरे में आते हैं।  

2014-15 में100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-1,58,776(2.33%)
2015-16 में 100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-2,25,502(3.30%)
2016-17 में 100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-1,40,990(2.1%)
2017-18  में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार - 1,34,724 (1.97%)।
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2018


 

इतनी खराब स्थिति बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ और बिहार की है, हैंडबुक ऑफ स्टेटिस्टिक्स (आरबीआई) के अनुसार उत्तरप्रदेश और बिहार के बाद सबसे ज़्यादा गरीब लोग मध्यप्रदेश में हैं, जिनकी संख्या दो करोड़ 34 लाख़ छह हजार है। 

-40 दिन 40 सवाल-
"मोदी सरकार के मुँह से जानिए,
मामा सरकार की बदहाली का हाल।"

'हार की कगार पर,मामा सरकार'
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2018


 

कांग्रेस प्रमुख ने नीति आयोग का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश के 45 लाख़ 82 हज़ार 607 (40.33 फीसदी) ग्रामीण घरों में बिजली नहीं है और 57 फीसदी परिवार अब भी खुले में शौच जा रहे हैं। 

बिहार में 251रु प्रति दिन,आंध्रप्रदेश में 291रु., महाराष्ट्र में 269 रु,पश्चिम बंगाल में 232रु कृषि मजदूर को मिलते हैं
पिछले 15सालों से मप्र में सबसे कम मजदूरी मिलती है
(10) मप्र में मनरेगा में दर्ज परिवार -68.25 लाख
अर्थात मध्यप्रदेश की लगभग आधी आबादी मज़दूरी के लिए बाध्य।
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2018


 

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश को लूटने वाले लोग स्वर्णिम से समृद्धि का झूठ फैला रहे हैं, क्या समृद्धि का नारा भाजपा नेताओं और मंत्रियों के लिए गढ़ा गया है और मध्यप्रदेश में गरीबी का ग्राफ़ लगातार क्यों बढ़ रहा है।

(8) हैंडबुक ऑफ स्टेटिस्टिक्स (आर बी आई) के अनुसार यू पी और बिहार के बाद सबसे ज़्यादा गरीब लोग मध्यप्रदेश में हैं - 2करोड़ 34लाख़ 6000 ।
(9) केंद्र की कृषि लागत और मूल्य आयोग की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में कृषि मजदूरी सबसे कम ,मात्र 210 रुपये है
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 23, 2018


 

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