पनीरसेल्वम के खिलाफ सीबीआई जांच कराने का आदेश क्यों न दें: मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास उच्च न्यायालय ने आज पूछा कि तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जुटाने की शिकायतों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना;
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने आज पूछा कि तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जुटाने की शिकायतों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम् (द्रमुक) के संगठन सचिव एवं राज्यसभा सदस्य आर एस भारती की आेर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया और सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) को निर्देश दिया कि वह 23 जुलाई तक बताये कि श्री पनीरसेल्वम और उनके परिजनों के खिलाफ शिकायत मिलने के तीन महीने बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।
भारती ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने श्री पनीरसेल्वम और उनके परिवार द्वारा आय से अधिक संपत्ति जुटाने की जांच के लिए डीवीएसी के समक्ष मार्च में शिकायत दर्ज करायी थी लेकिन उसने इस संबंध में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने डीवीएसी को इस संबंध में मामला दर्ज करने का निर्देश देने और श्री पनीरसेल्वम की आय से अधिक संपत्ति की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया।
उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग द्वारा कारोबारी एवं खनन माफिया जे शेखर रेड्डी से जब्त की गयी एक डायरी में उनका श्री पनीरेसल्वम के साथ संबंध का खुलासा हुआ है।
इस पर सरकारी अभियोजक ने बताया कि वह डायरी फिलहाल सीबीआई के कब्जे में है।
न्यायालय ने कहा कि इस शिकायत की जांच भी सीबीआई कर सकती है और याचिकाकर्ता को मामले से जुड़े दस्तावेज सीबीआई के विशेष सरकारी अभियोजक को सौंपने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।