मानसिक बीमारी के लिए बीमा कवर क्यों नहीं : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, नवीन सिन्हा और बी.आर. गवई की पीठ ने एक नोटिस जारी किया और केंद्र और आईआरडीए से जवाब मांगा।;

Update: 2020-06-16 14:01 GMT

नई दिल्ली | बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर छिड़ी बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को केंद्र और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए ) को नोटिस जारी किया। याचिका में मानसिक बीमारी के उपचार के लिए चिकित्सा बीमा का विस्तार करने के लिए सभी बीमा कंपनियों को निर्देश देने की मांग की गई थी। माना जा रहा है कि 14 जून को आत्महत्या करने वाले सुशांत अवसाद से जूझ रहे थे।

जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, नवीन सिन्हा और बी.आर. गवई की पीठ ने एक नोटिस जारी किया और केंद्र और आईआरडीए से जवाब मांगा।

अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि अगस्त 2018 में आईआरडीए के आदेश के बाद भी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 21 के बावजूद कोई भी बीमा कंपनी इसका अनुपालन नहीं कर रही है।

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि वह मानसिक बीमारी के इलाज के लिए चिकित्सा बीमा का विस्तार करने के लिए केंद्र, आईआरडीए को सभी बीमा कंपनियों को निर्देश जारी करने का आदेश दे।

जनहित याचिका कानून के तहत मानसिक बीमारी की परिभाषा पर निर्भर करती है।

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