श्वेत पत्र : यूपीए के घोटालों ने रोकी रक्षा क्षेत्र के विकास की रफ्तार

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने गुरुवार को संसद में पेश अपने 'श्वेत पत्र' में कहा कि यूपीए सरकार में रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण निर्णय लेने की क्षमता में व्यवधान आया;

Update: 2024-02-08 22:47 GMT

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने गुरुवार को संसद में पेश अपने 'श्वेत पत्र' में कहा कि यूपीए सरकार में रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण निर्णय लेने की क्षमता में व्यवधान आया, जिससे देश की रक्षा तैयारियों से समझौता हो गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत श्वेत पत्र में कहा गया कि तोपखाने और विमानभेदी तोपों, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, रात में लड़ने वाले विमानों सहित कई उपकरणों को उन्नत करने के काम में देरी हुई।

श्वेत पत्र में एक सुरक्षा विश्लेषक का हवाला देते हुए लिखा गया है कि सुरक्षा उपकरणों की खरीद में 5 साल की देरी का मतलब साफ है कि उस उपकरण के तय मुल्य से 125 प्रतिशत अधिक कीमत पर इसे खरीदना होगा। श्वेत पत्र में हॉक विमान खरीद मामले पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें 2003 से 2012 की अवधि के दौरान रोल्स रॉयस पीएलसी, यूके से विमान की खरीद में रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत का भुगतान किया गया था, ऐसा जिक्र है।

श्वेत पत्र में कहा गया है कि इस मामले की जांच चल रही है। एनडीए सरकार ने अपने श्वेत पत्र में यह भी कहा कि यूपीए शासन के दौरान ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला हुआ और हेलीकॉप्टरों की खरीद में रिश्वत दी गई। इसमें आगे लिखा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सर्वोपरि रक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद को यूपीए सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी थी।

श्वेत पत्र में लिखा गया है कि इन पर हमारी सरकार द्वारा जोर दिया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की तरफ से वह ध्यान दिया गया, जिसकी जरूरत है। लड़ाकू विमानों की खरीद और पनडुब्बियों का स्वदेशी विकास इसके दो उदाहरण हैं। इसके अलावा, थर्मल इमेजिंग (टीआई), रॉकेट लॉन्चर के लिए नाइट साइट्स (आरएल) 36 और लंबी दूरी की दोहरी बैंड इन्फ्रारेड इमेजिंग सर्च और ट्रैक सिस्टम (आईआरएसटी) जैसे उपकरणों की त्वरित खरीद के लिए रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने जैसे कई उपाय किए गए हैं।

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