वनभूमि का पट्टा देने भराए गए फार्म कहां खो गए,पट्टा के नाम पर छले जा रहे लोग
कोरबा ! कई पीढिय़ों से जंगल में रहने वाले आदिवासियों और किसानों को वन भू अधिकार पट्टा दिलाने के नाम पर सिर्फ छलने का काम किया गया। इनसें एक नहीं कई बार आवेदन तो भरवाये गये;
कोरबा ! कई पीढिय़ों से जंगल में रहने वाले आदिवासियों और किसानों को वन भू अधिकार पट्टा दिलाने के नाम पर सिर्फ छलने का काम किया गया। इनसें एक नहीं कई बार आवेदन तो भरवाये गये लेकिन अग्रिम कार्यवाही नहीं किये जाने और सरपंच-सचिव की उदासीनता से आज भी सैंकड़ों परिवार शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से वंचित हैं। किसान सभा ऐसे वंचितों को पट्टा दिलाने आवेदन भरवा रहा है।
जिले के निकटस्थ और दूरस्थ गांवों में ग्रामीणों के बीच जाकर छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी और उनकी टीम ने करतला व कोरबा विकास खण्ड के अंतर्गत दर्जनों ग्रामों में बैठकें ली। ग्रामीणों से वस्तुस्थिति जानने के बाद श्री नंदी ने बताया कि वन भूमि का पट्टा दिलाने के नाम कई बार सरपंच-सचिव के द्वारा गरीब किसानों से अवैध वसूली की गई। मनरेगा के तहत गड्ढा खुदाई की भी मजदूरी लंबित है। बैठकों में पाया गया कि कई गाँव में वन अधिकार अधिनियम योजना के अनुसार वर्षो से काबिज लोगों को उनके जंगल, जमीन का पट्टा नहीं मिल पाया है जबकि उनसे दो-तीन बार आवेदन लेकर पट्टा दिलाने रकम की वसूली भी कर लिए हैं। किसानों को यह भी नहीं बताया जा रहा है कि उनके आवेदन का क्या हुआ है? माकपा जिला सचिव सपूरन कुलदीप ने बताया कि ग्राम मुडूनारा में तीन वर्ष पूर्व 140 आदिवासियों से वनभूमि पट्टा हेतु आवेदन भरवाया गया था। ये सभी आवेदन बुधवार को सरपंच के घर से बरामद हुए। किसान सभा ने यहां जब ग्रामीणों से फार्म भरवाने का काम शुरू किया तब पता चला कि इनसे फार्म भराने के बाद पंचायत ने आगे की कोई भी कार्यवाही नहीं की है।
10 को प्रदर्शन कर सौपेंगे ज्ञापन
श्री नंदी व श्री कुलदीप ने बताया कि वन भूमि पट्टा सहित ग्रामीणों की अन्य मांगों को लेकर 10 फरवरी को घण्टाघर से रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए शिकायत और आवेदन फार्म जमा कराया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए ग्राम सोनपुरी ,सोनगुढ़ा , हरदीमाड़ा , अजगरबहार, सतरेंगा ,गढ़ , बगबुड़ा , भटगांव, बेला , टापरा , तराईडांड, चुइया , कोरकोमा , कोई , बड़मार , चाँपा, कोटमेर, कोलगा, घोटमार आदि गाँवों में किसानों और ग्रामीणों के साथ बैठक किया गया है जहां से बड़ी संख्या में अपने अधिकार की मांग पर रैली प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे ।