त्रिपुरा में टीएमसी कार्यालय पर हमला, पार्टी ने बताया लोकतंत्र पर हमला

त्रिपुरा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय पर की गई तोड़फोड़ को लेकर पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा है;

Update: 2025-10-08 04:37 GMT

टीएमसी का आरोप- भाजपा समर्थित गुंडों ने किया हमला, लोकतंत्र को बताया निशाना

  • राजनीतिक हिंसा पर गरमाई सियासत, त्रिपुरा में पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़
  • टीएमसी ने त्रिपुरा हिंसा को बताया लोकतंत्र पर हमला, भाजपा ने किया पलटवार
  • त्रिपुरा में टकराव तेज, टीएमसी-भाजपा आमने-सामने

कोलकाता। त्रिपुरा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय पर की गई तोड़फोड़ को लेकर पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा है।

टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा समर्थित गुंडों द्वारा किया गया हिंसक हमला उनकी केवल आक्रामकता नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर खुला हमला है। जब सत्ता में बैठे लोग अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं, तो वे अपनी ताकत नहीं, बल्कि डर और नैतिक दिवालियापन का परिचय देते हैं।

पोस्ट में आगे लिखा गया कि भाजपा "लोकतंत्र बचाने" की बात करती है, जबकि राज्यों की नींव जलाने का काम किया जा रहा है। वे कार्यालयों को नष्ट कर सकते हैं, पोस्टर फाड़ सकते हैं और कार्यकर्ताओं को धमका सकते हैं। लेकिन, वे उस प्रतिरोध की भावना को नहीं तोड़ सकते जो तृणमूल के हर कार्यकर्ता और न्याय में विश्वास रखने वाले हर नागरिक में है। हम चुप नहीं होंगे। हम पीछे नहीं हटेंगे। त्रिपुरा और भारत की जनता देख रही है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल भाजपा चुनाव सह प्रभारी एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब मंगलवार को सिलीगुड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने टीएमसी से जुड़े लोगों के हमले में घायल हुए भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।

बिप्लब देब ने दोनों नेताओं से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। घायल भाजपा सांसद और विधायक ने बताया कि जब वे जलपाईगुड़ी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे, तभी टीएमसी समर्थित गुंडों ने अचानक हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनके वाहनों में तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी की, जिसके बाद वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद बिप्लब देब ने कहा कि यह घटना पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार की असफलता और कानून व्यवस्था की स्थिति का प्रमाण है। टीएमसी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जनता आगामी विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकेगी। पश्चिम बंगाल में टीएमसी शासन के खिलाफ जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है।

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