गौतम अदाणी ने आईआईटी खड़गपुर में छात्रों से कहा - वेतन से अधिक विरासत को महत्व दें
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोमवार को आईआईटी खड़गपुर में छात्रों से कहा कि वह वेतन की अपेक्षा विरासत वाले जीवन को अधिक महत्व दें;
गौतम अदाणी बोले– सैलरी नहीं, विरासत को दें प्राथमिकता
- अदाणी का युवाओं से आह्वान: भारत निर्माण की ट्रेन पकड़ो, न कि सिर्फ नौकरी की
- आईआईटी खड़गपुर में गौतम अदाणी का संदेश– आत्मनिर्भर भारत के लिए चुनें विरासत की राह
- गौतम अदाणी ने छात्रों से कहा– तकनीक की रफ्तार पकड़ो, नवाचार में नेतृत्व करो
- अदाणी का संबोधन: कॉर्पोरेट को चाहिए इनोवेशन में निवेश, युवा बनें भारत के निर्माता
- सैलरी बनाम विरासत: गौतम अदाणी ने युवाओं को दिखाया भविष्य का रास्ता
- अदाणी ने की 'लीविंग लैब' की घोषणा, कहा– भारत को चाहिए आविष्कारक, न कि सिर्फ उपयोगकर्ता
खड़गपुर (पश्चिम बंगाल)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोमवार को आईआईटी खड़गपुर में छात्रों से कहा कि वह वेतन की अपेक्षा विरासत वाले जीवन को अधिक महत्व दें।
आईआईटी खड़गपुर की प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि आज युवा भारतीयों के सामने दो विकल्प हैं। पहला -विदेश में सुरक्षित नौकरियों के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल हों या भारत में रहकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करें जो 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता हो।
उन्होंने 16 साल की उम्र में अहमदाबाद छोड़कर भविष्य बनाने के लिए मुंबई जाने के फैसले को याद करते हुए रहा, "एक ट्रेन आपको सैलरी तक ले जाती है, दूसरी विरासत तक और केवल यही ट्रेन है, जो आपको भारत के निर्माण का गौरव दिला सकती है।"
गौतम अदाणी ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कहा कि 21वीं सदी में सच्ची आजादी सेमीकंडक्टर, ऊर्जा, रक्षा प्रणालियों और डेटा संप्रभुता में आत्मनिर्भरता से ही आएगी।
अदाणी समूह के चेयरमैन ने छात्रों को याद दिलाया कि आज तकनीकी बदलाव की गति इतिहास के किसी भी अन्य दौर से अलग है।
उन्होंने कहा, "परिवर्तन एक गुना की गति से नहीं हो रहा है। इसकी गति दस गुना या सौ गुना है और यह हजार गुना की ओर बढ़ रही है, क्योंकि एआई, एआई का निर्माण शुरू कर रहा है, एलएलएम, एलएलएम लिखना शुरू कर रहे हैं, रोबोट, रोबोट बनाना शुरू कर रहे हैं, और मशीनें,मशीनों को सिखाना शुरू कर रही हैं।"
संबोधन में अरबपति उद्योगपति ने स्वीकार किया कि भारतीय कॉर्पोरेट जगत भी "इनोवेशन की कमी" के लिए जिम्मेदार है और उन्होंने उद्योग जगत से अनुसंधान एवं विकास में और अधिक निवेश करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, "अगर हम कॉर्पोरेट जगत हाथ आगे नहीं बढ़ाएंगे, तो हम विदेशी आविष्कारों के उपयोगकर्ता ही बने रहेंगे और कभी भी आविष्कारक नहीं बन पाएंगे। यह एक ऐसा भविष्य है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते।"
इसके अतिरिक्त, गौतम अदाणी ने अदाणी-आईआईटी प्लैटिनम जुबली चेंज मेकर्स फेलोशिप की घोषणा की। साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और एयरपोर्ट्स में "लीविंग लैबोरेट्री" की स्थापना की, जिससे आईआईटीयन वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर अपने विचारों का परीक्षण कर सकें।