अर्जुन सिंह ने राहुल गांधी को बताया 'ओरिजनल पप्पू', एसआईआर को ठहराया जायज

कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा बिहार की तुलना 'बीड़ी' से किए जाने के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है;

Update: 2025-09-05 17:53 GMT

अर्जुन सिंह का तीखा हमला : राहुल गांधी 'ओरिजनल पप्पू', ममता पर भी साधा निशाना

  • एसआईआर को बताया लोकतंत्र के लिए जरूरी, अर्जुन सिंह ने किया समर्थन
  • ‘द बंगाल फाइल्स’ पर रोक को लेकर ममता पर हमला, अर्जुन सिंह ने बताया मानसिक दिवालियापन

परगना। कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा बिहार की तुलना 'बीड़ी' से किए जाने के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और बैरकपुर से पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को पता ही नहीं है कि बीड़ी किसको बोलते हैं और गांव किसको बोलते हैं। एक आदमी ने राहुल गांधी से पूछा कि राजस्थान में फसल बर्बाद हो गई है, तो उन्होंने जवाब दिया था, 'फसल खुले में क्यों बोते हो? घर के अंदर बोना चाहिए।' राहुल गांधी ओरिजिनल पप्पू हैं।"

अर्जुन सिंह ने 'द बंगाल फाइल्स' को बंगाल में रिलीज न होने देने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। अर्जुन सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी मानसिक रूप से दिवालियापन की शिकार हो गई हैं; कोई भी फाइल हो, वह नहीं रोक सकती हैं।

इसके साथ ही ममता बनर्जी के 'वोट चोरी' वाले बयान पर कहा कि उनके राज में पंचायत चुनाव में 100 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी, तो वह कैसे बोल सकती है कि चोर कौन है? वह खुद चोरी और खून करती है, चुनाव में जीतने के लिए हत्या करती है। उनको किसी को चोर बोलने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में संशोधन को सही बताते हुए कहा कि जो लोग मर गए हैं या फिर कहीं चले गए हैं, उनका नाम काटना सही है। चोरी करते-करते ममता बनर्जी की आदत भी चोरी वाली हो गई है।

वहीं बीते दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के महत्व को बताया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाहती है कि इसका सही ढंग से क्रियान्वयन हो।

करीब 22-23 साल पहले पश्चिम बंगाल में एसआईआर लागू किया गया था और अब इसे फिर से लागू किया जा रहा है। एक परिपक्व लोकतंत्र के लिए एसआईआर जैसे सुधार समय-समय पर आवश्यक हैं जिससे राज्य में अवांछित नाम, यानी गैर-भारतीय नागरिकों के नाम, मतदाता सूची से हटाए जा सकें। यह प्रक्रिया लोकतंत्र को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए जरूरी है।

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