अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान, विकास, बेहतरी के लिए हम दृढ़ संकल्पित : तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अतिपिछड़ा वर्ग के विभिन्न सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं एवं मांगों को ध्यानपूर्वक सुना। इस दौरान उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान, विकास, बेहतरी और कल्याण के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं;

Update: 2025-05-22 15:47 GMT

पटना। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अतिपिछड़ा वर्ग के विभिन्न सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं एवं मांगों को ध्यानपूर्वक सुना। इस दौरान उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान, विकास, बेहतरी और कल्याण के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार हमारे कार्यकाल में बढ़ाई गई 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं कर इस वर्ग का नुकसान कर रही है। अतिपिछड़ा, पिछड़ा और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों की लाखों नौकरियां भाजपा द्वारा शातिराना तरीके से छीनी जा रही हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाने के लिए हम सरकार को मजबूर करेंगे।

इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है। प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर चौपट हो चुका है। पुलिस अपराधियों को पकड़ नहीं पाती और निर्दोष को पकड़कर पीट रही है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया और उन्हें भी पीटने का काम किया गया। इस मामले को मानवाधिकार में लेकर जाने की भी उन्होंने बात कही।


हाल के दिनों में उन्होंने पटना के एक सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर एक मरीज के पैर पर चूहे के काटने की घटना पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि सरकार चूहों को पकड़ नहीं पाती है तो अपराधियों को क्या पकड़ेगी। बिहार में चूहों और अपराधियों का बोलबाला है। बिहार में चूहा बांध काट देता है, शराब पी जाता है और अब मरीज की उंगली काट लेता है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा में तो मंत्री डिबेट में बोल नहीं पाते हैं, बाहर बोलते हैं। वैसे उन्हें अगर शौक है तो माइक विधानसभा में लगवाएं और तारीख तय कर लें। एक दिन पहले बता दें, मैं बहस के लिए पहुंच जाऊंगा।

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