वडोदरा शहर के कुछ इलाकों से पानी उतरा, बचाव कार्य अब भी जारी

गुजरात के वडोदरा शहर तथा आसपास मे हुई भारी वर्षा के कारण आयी बाढ़ की स्थिति में आज कुछ सुधार दिख रहा;

Update: 2019-08-02 14:58 GMT

वडोदरा। गुजरात के वडोदरा शहर तथा आसपास मे हुई भारी वर्षा के कारण आयी बाढ़ की स्थिति में आज कुछ सुधार दिख रहा है और शहर के कुछ इलाकों से पानी उतर गया है हालांकि अब भी कई निचले इलाके जलमग्न है और बचाव का कार्य भी जारी है।

एनडीआरएफ की टीम ने आज भी शहर के एक निजी अस्पताल तथा अन्य जलमग्न इलाकों से लोगों को निकाल कर बचाव कार्य किया। बचाव एजेंसियों ने 5000 से अधिक लोगों को 26 निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

कल से आज सुबह तक वर्षा नहीं होने से भी राहत कार्य में बाधा नहीं पहुंची है। उधर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि आज दोपहर 12 बजे तक सभी इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी और पीने के पानी की भी व्यवस्था की जायेगी। वर्षा के दौरान दीवार गिरने से मरे चार लोगों के परिजनों को एक एक लाख रूपये की सहायता दी जायेगी। राजकोट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शहर के बीचोबीच बहने वाली विश्वामित्री नदी तथा आजवा डैम का जलस्तर घटने से शहर के कई हिस्सो से पानी उतरा है।

वडोदरा शहर में 31 जुलाई को एक ही दिन में 499 मिलीमीटर वर्षा हुई जो उसके सालाना औसत वर्षा का 50 प्रतिशत से भी अधिक है।शहर के कई हिस्से में अब भी कई फुट पानी भरा हुआ है। प्रशासन ने राहत काम के लिए सेना की दो टुकड़ियां, एनडीआरएफ की पांच और एसडीआरएफ की चार टीमों के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस की दो कंपनियों तथा वडोदरा और सूरत के अग्निशमन विभागों के कर्मियों और स्थानीय पुलिस को लगाया है। वायु सेना भी इस काम में सहयोग कर रही है।

शहर के फतेहगंज, कारेली बाग, मांडवी, पाणी गेट, दांडिया बाजार, रावपुरा टावर, हरिनगर (गोत्री) और समा तरसाली, चाणक्यपुरी , कल्याणपुरी, मकरपुरा आदि इलाकों में घरों में भी पानी घुस गया था। प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों में आज अवकाश घोषित कर दिया था। राहत और बचाव कार्य जारी है। विश्वामित्री नदी भी उफान पर है।

इसमे बड़ी संख्या में रहने वाले मगरमच्छ भी शहर में बह कर पहुंच गये हैं। कुछ इलाकों में पानी में मगरमच्छ देखे भी गये हैं और ऐसे कम से कम तीन मगरमच्छो को पकड़ा भी जा चुका है। आपूर्ति की कमी के कारण दूध और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए आज भी लंबी कतारे भी देखी गयीं। कल तो कुछ लोगों ने 300 रूपये प्रति लीटर की दर से भी दूध खरीदने का दावा किया था। लोगों को कमर और कंधे तक पानी में चल कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाते भी देखा गया। राहत एजेंसियों की ओर से स्थानांतरित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई स्थानों पर लोग निचली मंजिल के अपने जलमग्न आवासों को छोड़ ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं। जिले के मंजूसर औद्योगिक क्षेत्र में भी जलजमाव से उत्पादन पर असर पड़ा है।

तीन दिनों में वडोदरा तथा आसपास से गुजरने वाली 60 से अधिक ट्रेने दो दिनों में रद्द अथवा डायवर्ट हो चुकी हैं। हवाई अड्डा भी बाढ़ की वजह से बंद हो गया था। शहर की सिटी बस सेवा भी चरमरा गयी है। सयाजीगंज चिड़ियाघर तथा सरकारी एसएसजी अस्पताल परिसर में भी जलजमाव हो गया था।
 

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