ममता की इशारों में बीएसएफ को चेतावनी, सीमावर्ती गांवों में गोली चलाई तो होगी एफआईआर

पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बीएसएफ का नाम लिए बिना उसे चेतावनी दी कि राज्‍य के कूच बिहार जैसे जिलों के बांग्‍लादेश की सीमा के पास स्थित गांवों में गोली चलाने वालों पर एफआईआर होगी;

Update: 2023-06-27 10:05 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का नाम लिए बिना उसे चेतावनी दी कि राज्‍य के कूच बिहार जैसे जिलों के बांग्‍लादेश की सीमा के पास स्थित गांवों में गोली चलाने वालों पर एफआईआर होगी।

आगामी पंचायत चुनावों के लिए कूच बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा, “मुझे कूचबिहार बहुत पसंद है। आपके बच्चे यहां सीमा पर गोलीबारी में मारे जाते हैं। मैंने पुलिस से कहा है कि वह निगरानी रखें और सीमावर्ती गांवों में ऐसी किसी भी गोलीबारी की स्थिति में एफआर दर्ज कर कार्रवाई करे। राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। किसी को भी लोगों को गोली मारकर उनकी हत्या करने का अधिकार नहीं है।”

इस बात पर जोर देते हुए कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई डराने-धमकाने या डर पैदा करने का प्रयास करता है, तो मामले की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दी जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि वह और उनकी सरकार कूच बिहार के लोगों को किसी भी तरह के अत्याचार से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बनर्जी ने सीधे तौर पर उनका नाम लिए बिना केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और स्‍थानीय सांसद निसिथ प्रमाणिक पर भी तीखा हमला बोला।

उन्‍होंने कहा, “भाजपा का एक मंत्री लोगों को मारता है। लेकिन उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। गृह मंत्री का पद संभालने वाला कोई मंत्री गुंडे की तरह व्यवहार कैसे कर सकता है? वह अफ्रीका में घूम रहा है, जबकि सीमा बल के जवान यहां गोलीबारी कर रहे हैं। वह मंत्री 100 वाहनों के काफिले के साथ विभिन्न स्थानों पर जा रहे हैं जबकि आदर्श आचार संहिता के तहत इसकी अनुमति नहीं है।”

उन्होंने राज्य के लोगों, विशेषकर महिलाओं से पंचायत चुनावों में गुंडागर्दी करने वाली विपक्षी ताकतों के कार्यकर्ताओं का विरोध करने का आह्वान किया।

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं महिलाओं से कह रही हूं कि अपने रसोई के बर्तनों से इन गुंडों का विरोध करें। युवा पीछे से महिलाओं के लिए बैकअप सपोर्ट साबित होंगे। बुजुर्ग और वरिष्ठ लोग दिमाग की तरह काम करेंगे। अगर हम पंचायत चुनाव में हार भी जाएं तो भी चिंता की कोई बात नहीं है। राज्य में हमारी सरकार बनी रहेगी।”

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