उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा- 'श्री राम राष्ट्र की आध्यात्मिकता और नैतिकता का केंद्र है'
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी है और कहा है कि श्री राम राष्ट्र की आध्यात्मिकता और नैतिकता का केंद्र है;
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दी है और कहा है कि श्री राम राष्ट्र की आध्यात्मिकता और नैतिकता का केंद्र है।
उपराष्ट्रपति ने रामनवमी पर बुधवार को यहां जारी एक संदेश में कहा कि पुरुषोत्तम श्री राम, भारतीय संस्कृति और साहित्य के नायक हैं, देश की नैतिक और आध्यात्मिक चेतना के केंद्र हैं। श्री राम समावेशी न्यायपूर्ण समाज के प्रणेता हैं, उनके द्वारा स्थापित मर्यादाएं सार्वकालिक और शाश्वत हैं।
उपराष्ट्रपति नायडू ने अपने संदेश में इस चौपाई का भी उल्लेख किया-
“ जो आनंद सिंधु सुखरासी।
सीकर तें त्रेलोक सुपासी।।
सो सुखधाम राम अस नामा।
अखिल लोक दायक बिश्रामा।।”
उन्होंने कहा, “ देश वासियों को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जन्म दिवस, राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।”
इस अवसर पर
हम सब लौह पुरुष सरदार पटेल के
"एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के राष्ट्र-दर्शन के लिए प्रतिबद्ध हों।
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास - समावेशी शासन का आदर्श है। आत्म निर्भर भारत के उद्देश्य के अनुरूप "रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म" के मंत्र को सिद्ध करें। #CivilServiceDay
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भगवान राम सद्गुण, अच्छाई, साहस और करूणा की प्रतिमूर्ति हैं। राम नवमी का पर्व मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के आदर्श जीवन का स्मरण कराता है तथा उनके द्वारा दिखाए गए अच्छाई के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है। यह पर्व हम सभी को अपने परिवार, समाज और देश के प्रति हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का स्मरण कराता है ।
उन्होंने कहा, “ मैं यह कामना करता हूं कि यह त्यौहार हमारे जीवन में खुशहाली और शांति लाए, हमें भगवान राम द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे तथा उनके द्वारा स्थापित आदर्शों से युक्त विश्व का निर्माण करे।”