जैन मुनि तरुण सागर के निधन पर वसुंधरा राजे ने जताया शोक

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने दिगंबर जैन मुनि तरूण सागर जी के देवलोकगमन पर शोक व्यक्त किया है;

Update: 2018-09-01 13:56 GMT

जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने दिगंबर जैन मुनि तरूण सागर जी के देवलोकगमन पर शोक व्यक्त किया है।

राजे ने आज यहां जारी अपने शोक संदेश में कहा कि श्रद्धेय मुनि तरूण सागर जी ने अपने ओजस्वी कड़वे प्रवचनों के माध्यम से समाज को एक नई राह दिखाई। वे भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों को जन-जन तक फैलाने वाले महान संत थे। मुझे भी कई बार उनके सानिध्य एवं उनसे आशीर्वाद ग्रहण करने का सुअवसर मिला। 

कड़वे प्रवचनों के लिए विख्यात राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज के देवलोक गमन से हम सब आहत हैं।
देश ने एक बहुत बड़ा संत खो दिया। मेरा सौभाग्य रहा कि जयपुर प्रवास के दौरान महाराज जी मेरे आवास पधारे, मुझे आशीर्वाद दिया।
मैं उन्हें नमोस्तु करते हुए हृदय से श्रद्धांजली अर्पित करती हूं। pic.twitter.com/xyZRSNdrAb

— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) September 1, 2018


 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनिश्री की शिक्षाएं तथा उनके उपदेश हमें समस्त प्राणियों की सेवा के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

इधर क्रांतिकारी संत के नाम से विख्यात दिगम्बर जैन संत मुनि  तरुण सागर जी महाराज के निधन से अलवर में जहाँ जैन समाज एवं जैनोत्तर समाज मे शोक की लहर है वही जैन संतो ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। अलवर से आज सैकंडो अनुयाई उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने गए है। अलवर में चातुर्मास कर रहे जैन संत अभिनंदन सागर महाराज ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते गए संतो और जैन समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

जैन संत तरुण सागर महाराज जी का अलवर से गहरा लगाव रहा है। जन जन तक भगवान महावीर को पहुंचाने वाले सन्त तरुण सागर जी ने वर्ष 2004 में अलवर प्रवास किया। करीब डेढ़ माह अलवर रहे और जैन समाज मे धार्मिक प्रभावना की। अलवर में तरुण क्रांति मंच का गठन किया गया जो अब तक बदस्तूर चल रहा है।

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