उत्तराखंड में 17 दिसंबर से शुरू होगा ‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’ अभियान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 17 दिसंबर 2025 से 45 दिनों तक 'जन जन की सरकार-जन जन के द्वार' अभियान संचालित किया जाएगा;

Update: 2025-12-13 17:59 GMT

45 दिनों तक न्याय पंचायतों और ग्राम पंचायतों में लगेंगे बहुउद्देशीय शिविर

  • 23 विभाग होंगे शामिल, योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य
  • जिलाधिकारियों को मिले निर्देश, मीडिया के माध्यम से होगा व्यापक प्रचार-प्रसार
  • पात्र लोगों को योजनाओं से जोड़ने के लिए होगा सर्वेक्षण और आवेदन पत्र भरवाए जाएंगे

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 17 दिसंबर 2025 से 45 दिनों तक 'जन जन की सरकार-जन जन के द्वार' अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान विभिन्न न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में कैंप लगाकर आम आदमी से जुड़ी योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

इस अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित 23 विभाग शामिल रहेंगे। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किये गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को प्रेषित पत्र में प्रदेश में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने एवं जरूरतमंद लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि दिनांक 17 दिसंबर, 2025 से आगामी 45 दिनों तक प्रदेश में ‘‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’’ अभियान के अन्तर्गत विभिन्न न्याय पंचायतों में कैम्प लगाये जाने तथा न्याय पंचायतों/ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किए जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए जन सामान्य से आवेदन पत्र प्राप्त करते हुए उस पर कार्रवाई की जायेगी।

सुमन ने बताया यह कार्यक्रम न्याय पंचायत के स्तर पर संचालित किया जाएगा तथा वहां पर बहुउद्देशीय शिविर/कैंप का आयोजन किया जाएगा। यदि कोई न्याय पंचायत बहुत बड़ी हो तो उस न्याय पंचायत में दो भागों में गांव को विभक्त करते हुए कार्यक्रम आयोजित कियाजाएगा।।

उन्होंने बताया इस अभियान के दौरान बहुउद्देशीय शिविर/कैम्प में उपस्थित लोगों को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्रदान की जायेगी तथा कैम्प में उपस्थित पात्र व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने बताया कैम्प के उपरान्त निकट के किसी गांव में सभी अधिकारियों द्वारा भ्रमण किया जायेगा तथा उस गांव के सभी पात्र व्यक्तियों को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किये जाने हेतु आवेदन पत्र भराये जायेंगे। उस ग्राम पंचायत के सभी निवासीगण केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की सभी प्रकार की योजनाओं से पूरी तरह से लाभान्वित हो सके तथा कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रह सके, इस पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कैंप लगाये जाने से पूर्व मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जनपद में अधिकारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सप्ताह में कम से कम 2 से 3 कार्य दिवसों में प्रत्येक तहसील की न्याय पंचायतों में यह कैम्प लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रयास किया जाए कि प्रत्येक सप्ताह जनपद में जितनी तहसील हैं उनकी कम से कम एक-एक न्याय पंचायतों में यह आयोजन किया जाए। यह कार्यक्रम न्यूनतम 45 दिन तक अनिवार्य रूप से सभी न्याय पंचायतों में चलाया जाना है। यदि इस अभियान के दौरान सभी न्याय पंचायतें आच्छादित नहीं हो पाती हैं तो कार्यक्रम को तद्नुसार जनपद द्वारा आवश्यकतानुसार इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकता है।

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ग्राम स्तर परकेंद्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभ से संबंधित क्षेत्र/ग्राम पंचायत में कौन-कौन से लोग वंचितहैं,, इसका पूर्व से ही विभिन्न विभागों के माध्यम से सर्वेक्षण करा लियाजाएय तथा भ्रमण के दौरान इन कमियों को दूरकिए जाने की कार्यवाही कीजाएय तथा सभीसंबंधितत से आवेदन पत्रभरवाए जाएं।

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक कैंप में अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी स्वयं उपस्थित रहें। अन्य कैंपों में क्रमशः मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी अथवा उपजिलाधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। आयोजित होने वाले कैंपों में नामित विभागों के अधिकारीगण कैंपों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें तथा कैंप के दौरान यह प्रयास किया जाए कि आमजनमानस की समस्याओं का मौके पर ही समाधान संभव हो सके।

उन्होंने बताया कि कैम्प लगाये जाने के दो से तीन दिन पूर्व सभी प्रकार के आवेदन पत्र ग्राम स्तर पर उपलब्ध रहें, ताकि आवेदन पत्र भरे जाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने जनपद स्तर पर न्याय पंचायतों में लगाये जाने वाले कैम्पों की रूप-रेखा/कार्य योजना एक सप्ताह में तैयार करते हुए शासन को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए हैं ताकि शासन स्तर के अधिकारियों द्वारा संचालित कैम्पों का औचक निरीक्षण किया जासके।।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम के उपरान्त कार्यक्रम की सफलता/किये गये कार्यों का विवरण मीडिया को साझा किया जाय तथा प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की प्रगति आख्या अनिवार्य रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय तथा सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराई जाए।

Tags:    

Similar News