UP News: अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे पर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पांच दोषी करार, जानें क्‍या है मामला

दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास सशस्त्र बदमाशों ने इनकी कार को रोक लिया और सवार सभी सदस्यों को खेत में ले जाकर मारपीट व लूटपाट की।;

Update: 2025-12-21 07:20 GMT
बुलंदशहर : UP News: अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे पर दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं लूटपाट मामले में अदालत ने पांच आरोपितों को दोषी करार दिया। सोमवार को अदालत सजा सुनाएगी। 11 आरोपितों में से दो मुठभेड़ में मारे गए, तीन को सीबीआइ ने क्लीन चिट दे दी और एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। दोषी नरेश, धर्मवीर व सुनील नूंह जेल में बंद हैं और जुबेर व साजिद बुलंदशहर जेल में बंद हैं।


कार रोककर मारपीट व लूटपाट

नोएडा स्थित एक परिवार 29 जुलाई 2016 की रात को कार से शाहजहांपुर स्थित एक रिश्तेदारी में गमी में शामिल होने जा रहा था। कार में 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां सहित परिवार के छह लोग सवार थे। कोतवाली देहात क्षेत्र में हाईवे पर दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास सशस्त्र बदमाशों ने इनकी कार को रोक लिया और सवार सभी सदस्यों को खेत में ले जाकर मारपीट व लूटपाट की। साथ ही आरोपितों ने मां व नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पुलिस इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश में जुटी थी। यह मामला लखनऊ से लेकर दिल्ली तक गूंजा था।

मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी
पुलिस ने जुबेर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी, साजिद, रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ सावेज और जबर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद हाई कोर्ट ने स्वयं मामले का संज्ञान लिया और मामले की जांच बुलंदशहर पुलिस से हटाकर सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने जांच में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर रहीसुद्दीन, जावेद और जबर सिंह को क्लीन चिट दे दी।

बाबरिया गिरोह का हाथ
इसी बीच हरियाणा की नूंह पुलिस ने बाबरिया गिरोह के कुछ सदस्यों को लूटपाट के एक अन्य आरोप में गिरफ्तार किया। इसमें धर्मवीर उर्फ राका, जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल ने साथी असलम उर्फ अजय उर्फ कालिया के साथ मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करना स्वीकार किया। असलम हरियाणा से इनामी था, जिसे हरियाणा पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इधर, सीबीआइ जांच में प्रकाश में आए आरोपित बंटी उर्फ बबलू को तीन जुलाई 2020 को नोएडा एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। सीबीआइ ने जुबेर, सलीम, साजिद, नरेश, सुनील और धर्मवीर के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सुनवाई के दौरान आरोपित सलीम की छह जनवरी 2020 को बीमारी के चलते जेल में मौत हो गई। शनिवार को न्यायाधीश ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने सभी को दोषी करार दे दिया।

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