यूपी: निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन दाखिल करने से बसपा की बढ़ी मुश्किले

उत्तर प्रदेश सेे राज्यसभा की रिक्त दस सीटों पर नामांकन के अंतिम क्षणों में निर्दलीय उम्मीदवार अनिल अग्रवाल के पर्चा दाखिल कर देने की वजह सेे मतदान के बढे आसार के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा)ॉ;

Update: 2018-03-12 17:33 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सेे राज्यसभा की रिक्त दस सीटों पर नामांकन के अंतिम क्षणों में निर्दलीय उम्मीदवार अनिल अग्रवाल के पर्चा दाखिल कर देने की वजह सेे मतदान के बढे आसार के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार भीमराव अंबेेडकर की दुश्वारियां बढती नजर आ रही हैं।

नामांकन पत्राेें की जांच कल होगी। 15 मार्च तक नामांकन वापस लिये जा सकेंगे। पर्चे सही पाये जाने या किसी के नाम वापस नहीं लेने पर 23 मार्च को मतदान तय हैै। अनिल अग्रवाल के प्रस्तावकों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केे विधायक शामिल हैं। भाजपा गठबंधन के पास 325 मतदाता हैैैं। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली समेत भाजपा के आठ उम्मीदवारों की जीत तय है। एक उम्मीदवार की जीत केेे लिये 37 मतदाताओं की जरुरत है।

इस तरह भाजपा के आठ उम्मीदवारों की जीत के बाद भी उसके गठबंधन के पास 29 मतदाता शेष बचेंगे। माना जा रहा है कि श्री अग्रवाल को निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में इन्ही शेष बचे मतदाताओं के भरोसे चुनाव में उतारा गया है। इस चुनाव में विधानसभा के सदस्य मतदाता होते हैं। मतपत्रों को दिखाकर वोट डालना होता है। मतपत्रों को दिखाकर वोट डालने का नियम बसपा उम्मीदवार को फायदा पहुंचा सकता है।

इससे पहलेे, नामाकंन के अंतिम दिन केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ उम्मीदवारों ने पर्चे भरे। विधानभवन के सेंट्रल हाल में श्री जेटली के अलावा अशोक वाजपेयी,सकलदीप राजभर,कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर,डा अनिल जैन,जीवीएल नरसिंहाराव और हरनाथ सिंह यादव ने नामाकंन दाखिल किया।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष डा़ महेन्द्र पाण्डेय समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

जेटली ने 11 बजकर 40 मिनट पर जबकि अन्य सात उम्मीदवाराेें ने करीब डेढ बजे नामांकन पत्र दाखिल किये थे।
राज्यसभा में संख्या बल के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण इस चुनाव में भाजपा को दस में से आठ सीटें मिलना तय है जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को एक सीट मिलनी पक्की है। शेष एक सीट पर सपा और कांग्रेस के समर्थन के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार बी आर अंबेडकर की जीत की संभावना है।

पार्टी आलाकमान ने श्री जेटली के उम्मीदवार के तौर पर नाम की घोषणा एक सप्ताह पहले ही कर दी थी जबकि शेष सात सीटों के लिये कल शाम दिल्ली में पार्टी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गयी। सपा छोडकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले अशोक वाजपेयी को पार्टी ने राज्यसभा का टिकट देकर नवाजा है हालांकि राज्यसभा में मौजूदा सांसद विनय कटियार का टिकट काट दिया गया है।

वाजपेयी ने विधान परिषद में सपा की सदस्यता छोड कर भाजपा का दामन थामा था जबकि कांता कर्दम जाटव हाल ही मे मेरठ से मेयर पद का चुनाव हार गयी थी। बलिया के सकलदीप राजभर और मेरठ के विजय पाल सिंह तोमर को पार्टी की सेवा का ईनाम राज्यसभा के उम्मीदवारी के तौर पर मिला है।

इसके अलावा टिकट पाने वालों में मैनपुरी से विधान परिषद के पूर्व सदस्य हरनाथ सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया गया। वरिष्ठ पार्टी नेता डा अनिल जैन और भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहाराव ने भी राज्यसभा के लिये अपने पर्चे दाखिल किये।

जेटली कल शाम नामाकंन के लिये लखनऊ आ गये थे। जबकि अन्य उम्मीदवार नामाकंन के लिये कल रात तक लखनऊ पहुंच चुके थे। इससे पहले सपा उम्मीदवार जया बच्चन ने शुक्रवार को अपना नामाकंन दाखिल किया था जबकि पहले से नामाकंन दाखिल कर चुके बसपा उम्मीदवार बी आर अंबेडकर ने कांग्रेस और सपा के समर्थन के बाद आज अपने नामाकंन पत्र का दूसरा सेट प्रस्तुत किया।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सभी दस सीटों पर निर्विरोध चुनाव की उम्मीद थी लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार अनिल अग्रवाल के मैदान में आ जाने के बाद अब मतदान तय माना जा रहा है। हालांकि, भाजपा को आठ, सपा का एक प्रत्याशी का चुना जाना तय है।

अम्बेडकर को उम्मीदवार घोषित करने से पहले अटकलें थीं कि बसपा अध्यक्ष मायावती या उनके भाई आनन्द कुमार को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। चुनाव जीतने के लिए 37 मतों की दरकार होगी। बसपा के पास 19 विधायक हैं। बसपा को सपा के बचे दस मतों के साथ ही कांग्रेस के सात और राष्ट्रीय लोेकदल के एक मात्र वोट पाने की उम्मीद है। बसपा उम्मीदवार को यदि यह सभी मत मिल जाते हैं तो श्री अम्बेडकर राज्यसभा के सदस्य चुने जा सकते हैं।

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी(सपा) उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है। बदले में सपा अपने बचे मतोें को श्री अम्बेडकर को दिलवायेगी। सपा के 47 विधायक हैं। अपने बल पर सपा एक सीट जीतेगी। सपा के दस मत बचेंगे।

मायावती ने कांग्रेस से सशर्त समर्थन मांगा है। सुश्री मायावती ने कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार को बसपा के विधायकों का समर्थन पाने के लिए उसे अपने सातों विधायकों का मत बसपा उम्मीदवार को दिलवाना होगा। भाजपा आैर उसके गठबंधन दलाें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी आेैर अपना दल के विधायकाें की कुल संख्या 325 है। भाजपा के 312, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 04 और अपनादल के 09 विधायक हैं। भाजपा गठबंधन के राज्यसभा के लिए आठ उम्मीदवारों का चुनाव सुनिश्चित है। इस चुनाव में खरीद फरोख्त को रोकने के लिए मतदाताओं को खुला मतदान करना होता है। गौरतलब हैै कि पांच मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी थी।

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