हाथरस मामला : घटनास्थल पर पहुंची सीबीआई टीम,पीड़िता के भाई को भी लाया गया

हाथरस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई अब ऐक्शन में है। सीबीआई की टीम बूलगढ़ी गांव में घटनास्थल पर पहुंच गई है और क्राइम सीन का मुआयना कर रही है;

Update: 2020-10-13 12:57 GMT

हाथरस : हाथरस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई अब ऐक्शन में है। सीबीआई की टीम बूलगढ़ी गांव में घटनास्थल पर पहुंच गई है और क्राइम सीन का मुआयना कर रही है। पीड़िता के भाई को भी क्राइम सीन पर लाया गया है जहां सीबीआई की टीम जांच कर रही है। सीबीआई की कोशिश क्राइम सीन रिक्रिएट करके सबूत इकट्ठा करने की है। इससे पहले सीबीआई ने हाथरस के मुख्य आरोपी के खिलाफ गैंगरेप, हत्या का प्रयास और हत्या के साथ एससी-एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी।उधर पीड़िता के पिता की तबियत बिगड़ गई है। बताया जा रहा है कि पीड़िता के पिता का अचानक बीपी बढ़ गया है। रात में ही वह परिवार के साथ लखनऊ से लौटे हैं।सीबीआई की टीम से आने से पहले गांव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। गांव के अंदर और घटनास्थल के पास भारी संख्या में पुलिस फोर्स है। सीबीआई ने इस केस और घटना से जुड़े सभी अहम कागजात और केस डायरी को भी खंगाला है। अगले कुछ हफ्ते हाथरस में ही रहेगी सीबीआई टीम

इलाहबाद कोर्ट की लखनऊ बेंच में मामले की सुनवाई में क्या हुआ

हाथरस मामले में क्या हुआ इस पर सभी की नज़र है। इलाहबाद कोर्ट की लखनऊ बेंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई , सुनवाई के बीच प्रशासन और पीड़ित परिवार में मौखिक झड़प हुई और वाद विवाद की स्थिति भी बनी ,हाथरस मामले में आज इलाहाबाद कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई जिसमें पीड़ित परिवार और यूपी सरकार के अधिकारी मौजूद रहे। दो जजों की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना पक्ष रखा। पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में भी कहा कि अंतिम संस्कार उनकी सहमति के बिना रात के समय कर दिया गया जिसपर हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. परिजनों ने आगे जांच में फंसाए जाने की आशंका जताई और साथ ही सुरक्षा की बात सामने रखी। दोनों पक्षों में सुनवाई के दौरान वाद विवाद की स्थिति भी बनी। पीड़ित परिवार की ओर से अंतिम संस्कार को लेकर लगाए गए आरोप पर जिलाधिकारी ने कहा कि वहां काफी लोग जमा थे. कानून-व्यवस्था बिगड़ने की वजह से अंतिम संस्कार का फैसला लिया. लेकिन डीएम के बयान के दौरान पीड़िता के परिजनों ने टोकते हुए सवाल किया कि वहां भारी तादाद में पुलिस बल मौजूद था तो कानून व्यवस्था कैसे खराब होती? आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 1 अक्टूबर को घटना पर खुद ही संज्ञान लिया था.जिसके बाद योगी सरकार हरकत में आई और परिवार को सुरक्षा दी गयी. इसके साथ ही घर आने-जाने वाले हर शख्स पर कड़ी नजर रखी गई.हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के दौरान डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अलावा हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है. हाथरस कांड में जिस तरह से पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठे हैं, उससे साफ है कि हाथरस पुलिस और योगी सरकार को अदालत में कई तरह के कड़े सवालों का सामना करना होगा. साथ ही सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच पड़ताल शुरू कर दी है. सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर मामला दर्ज किया है. जांच एजेंसी ने इस सिलसिले में एक टीम गठित की है. मामले की अगली सुनवाई 2 नवम्बर को होगी।

 

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