उत्तर प्रदेश : 400 गांव बाढ़ के पानी से घिरे
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में नदियों के जलस्तर घटने की रफ्तार सुस्त होने और राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा नदी, जम्मू तथा नाले के खतरे के निशान से ऊपर बहने से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही;
सिद्धार्थनगर। नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में नदियों के जलस्तर घटने की रफ्तार सुस्त होने और राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा नदी, जम्मू तथा नाले के खतरे के निशान से ऊपर बहने से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।
अाधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राप्ती नदी खतरे के निशान से 60 सेंमी़ ऊपर, बूढ़ी राप्ती 1 मीटर 35 सेमी़ ऊपर, कूड़ा 80 सेमी़ और जमुआर नाले के एक मीटर 40 सेमी़ ऊपर बहने से जिले की पांच तहसीलों के 800 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
जिनमें से 400 गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरे हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव की कमी से राहत वितरण के काम में तेजी नहीं आ पा रही है जिससे दो-तिहाई बाढ़ पीड़ित फाकाकशी के शिकार हैं।
जिले के 50 हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों में से 30 हजार परिवारों को राहत दी गई है जबकि शेष बचे लोगों को एक हफ्ते में राहत पहुंचा दी जाएगी।