कोविड-19 के मद्देनजर यूपीएसआरटीसी ने तैयार की विस्तृत योजना

लॉकडाउन के बीच धीरे-धीरे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को शुरू करने की कवायद हो रही है।;

Update: 2020-05-14 14:32 GMT

लखनऊ | लॉकडाउन के बीच धीरे-धीरे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को शुरू करने की कवायद हो रही है। ऐसे में यूपी-स्टेट रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (यूपीएसआरटीसी) ने यात्रियों के साथ-साथ कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। यूपीएसआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर राज शेखर ने अधिकारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल पर एक वीडियो बनाने और इसे विभाग के सभी कर्मचारियों के बीच प्रसारित करने के लिए कहा है।

उत्तर प्रदेश में ट्रेन से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए औसतन करीब 2,000 बसों का इस्तेमाल प्रतिदिन किया जा रहा है। बसें उन्हें अपने गंतव्य तक ले जाती हैं।

प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों के परिवहन व्यवस्था में करीब 10000 यूपीएसआरटीसी कर्मचारी काम में लगे हैं।

राज शेखर ने कहा, "सभी बसों का 100 प्रतिशत सैनिटाइजेशन, सभी ड्राइवर और कंडक्टर के लिए मास्क, दस्ताने और यात्रियों के लिए हैंड सैनिटाइजर जैसे आवश्यक एहतियाती उपाय अत्यंत आवश्यक हैं, जिनका ध्यान रखा जाता है।"

उन्होंने आगे कहा कि ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने के दौरान सभी कर्मचारियों की हर दिन थर्मल गन से जांच की जाती है।

यूपीएसआरटीसी ने एक महीने की अवधि के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा वस्तुओं का स्टॉक खरीदा है।

वहीं एमडी ने तीन महीने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट खरीदने का निर्देश दिया है।

सूत्रों ने कहा कि परिवहन प्रणाली के क्रियाशील होने पर हर छह घंटे में सभी बसों को सैनिटाइज करने का निर्णय लिया गया है।

यूपीएसआरटीसी ने एक नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किया है और यूपीएसआरटीसी मुख्यालय में निगरानी और इसे सुनिश्चित करने के लिए महाप्रबंधक रैंक के एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है।

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