जीएसटी बकाये की मांग को लेकर संसद में हंगामा

राज्यसभा में भी जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व का हिस्सा राज्यों का न दिये जाने काे लेकर विपक्ष ने शून्य काल में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी।;

Update: 2019-12-11 15:30 GMT

नयी दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से प्राप्त होने वाले राजस्व का हिस्सा राज्यों काे नहीं दिये जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। इससे लोकसभा में प्रश्नकाल बाधित हुआ और राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो सका।

लोकसभा में प्रश्नकाल शुरु होते ही सदस्यों का नाम पुकारा तो तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) और शिव सेना के सदस्यों ने हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हो गये अौर जीएसटी में राज्यों के हिस्से की मांग को करते हुए नारेबाजी शुरु कर दी। इनके समर्थन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि सदन में व्यवस्था दी गयी है जिसके तहत जो भी ज्वलंत मुद्दे होंगे उसे प्रश्नकाल के बाद उठाने की अनुमति दी जाएगी। उसके बाद विपक्षी दस शांत होकर अपने स्थान पर बैठ गये।

राज्यसभा में भी जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व का हिस्सा राज्यों का न दिये जाने काे लेकर विपक्ष ने शून्य काल में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी।

शून्य काल शुरू होते ही टीआरएस के सदस्यों के अलावा कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया और हंगामा शुरू कर दिया।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नियमित कामकाज निपटाने के बाद सभापाति एम वेंकैया नायडू ने शून्य काल के लिए सदस्यों का नाम पुकारा तो टीआरएस के सदस्य श्रीनिवास श्रीधर्मापुरी और अन्य हाथों में प्ले कार्ड लेकर खड़े हो गये। इसके बाद कांग्रेस के जयराम रमेश तथा माकपा और भाकपा के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया और वे भी जोर-जोर से बोलने लगे। हंगामा करीब पांच मिनट तक हंगामा जारी रहा।

श्री नायडू ने इस बीच सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर जाने और शून्य काल कार्यवाही समुचित रूप से चलाने का बार-बार आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

 

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