उप्र : बाढ़ से 40 से अधिक लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में कहर बरपा रही बाढ़ और वर्षाजनित हादसों में 40 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में कहर बरपा रही बाढ़ और वर्षाजनित हादसों में 40 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से 22 जिलों के तीन हजार से अधिक गांव प्रभावित हैं।
बाढ़ की वजह से 40 से अधिक लोगों की जान गई है और एक लाख से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए हैं। मवेशियों के मरने की स्पष्ट संख्या की जानकारी तो नहीं दी गई है लेकिन एक अनुमान के तहत सैंकड़ों मवेशियों की जान गई है।
बाढ़ की वजह से 15 लाख से अधिक आबादी प्रभावित है। डेढ़ लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गयी।
आंकड़ों के मुताबिक 65 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये जबकि कच्चे मकानों के गिरने की संख्या 227 बतायी गई है।
आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त पक्के मकानों की संख्या 172, कच्चे मकानों की संख्या 1456 और 1350 से अधिक झोपड़ियां नष्ट हो गयीं।
बाढ़ से बचाव के लिए 646 चौकियां, 209 राहत शिविर, 114 राहत वितरण केन्द्र बनाये गये हैं। राहत शिविरों में करीब 20 हजार लोग शरण लिये हुए हैं।
पचास हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बाढ़ से बचाव के लिए 2192 नाव, 57 मोटरबोट लगाये गए हैं।
एनडीआरएफ की 11 टीमें लगायी गयी हैं।
पीएसी की 17 बटालियन बाढ़ क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। दो स्थानों पर सेना की मदद ली गयी है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन के लिए 61 लंगर चल रहे हैं।
करीब 60 हजार लोगों का उपचार किया गया है। इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों में खाद्य सामग्री के साथ ही माचिस, मोमबत्ती और तिरपाल पर्याप्त मात्रा में बांटे गए हैं।
बीमारियों से बचाव के लिए क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस, क्लोरोक्वीन टेबलेट और मिट्टी का तेल दिया जा रहा है। पशुओं के लिए करीब 11 हजार पशु शिविर लगाये गए हैं।
23 हजार पशुओं का उपचार किया गया और करीब नौ लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया। पशुओं के चारे के लिए साढ़े बारह सौ कुुंतल भूसे का वितरण किया गया।
बाढ़ से प्रभावित लोगों को अब तक 44 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।