जनादेश की भावना को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट इंडिया गठबंधन : दीपांकर भट्टाचार्य

भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि एनडीए जनादेश का कितना सम्मान करेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, इंडिया गठबंधन जनादेश की भावना को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह एकजुट और कृत संकल्प है;

Update: 2024-06-08 17:01 GMT

पटना। भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि एनडीए जनादेश का कितना सम्मान करेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, इंडिया गठबंधन जनादेश की भावना को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह एकजुट और कृत संकल्प है।

पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 का जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ है। जनादेश की दिशा संविधान और लोकतंत्र तथा जनकल्याण की नीतियों के पक्ष में है।

भट्टाचार्य के साथ नवनिर्वाचित सांसद राजाराम सिंह, सुदामा प्रसाद भी इस मौके पर उपस्थित रहे।

पार्टी के महासचिव ने आगे कहा, "हालांकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई और केंद्र में एनडीए की सरकार बन रही है। लेकिन, इतना स्पष्ट है देश ने कह दिया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तानाशाही नहीं चाहिए।"

उन्होंने कहा बिहार में तीन लोकसभा क्षेत्र में दो पर हमने जीत हासिल की। एक विधानसभा उपचुनाव में भी हम विजयी रहे। नालंदा में कड़े मुकाबले में रहे, लेकिन चुनाव परिणाम हमारी आशा के अनुरूप नहीं है। चुनाव परिणाम 2020 के बिहार विधानसभा के इर्द गिर्द होना चाहिए था।

उन्होंने आरोप लगाया कि नीट के भी रिजल्ट में खुलकर धांधली हुई है। इतने लोग कैसे टॉपर बन गए, यह गंभीर जांच जांच का विषय है।

भट्टाचार्य ने आगे कहा कि एनडीए की सरकार में जदयू और टीडीपी की बड़ी भूमिका है, लेकिन एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार ने जिस प्रकार की बातें कहीं, वह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जदयू अपने मुद्दों पर अडिग रहते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग करेगी। जाति जनगणना के सवाल पर नीतीश कुमार को मोदी की गारंटी लेनी चाहिए, लेकिन पता नहीं नीतीश कुमार इस पर क्या करेंगे?

काराकाट से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद राजाराम सिंह ने भी कहा कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन को समर्थन देना चाहिए। यह जनादेश मोदी के खिलाफ है। आरा से नवनिर्वाचित सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि हम सदन के अंदर किसानों के लिए फसलों के लाभदायक दाम, सिंचाई की व्यवस्था तथा नोटबंदी और जीएसटी की मार खाए खुदरा व्यापारियों की फिर से मजबूती और रोजगार के सवाल पर संघर्ष करते रहेंगे।

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