विशिष्ट दिव्यांगता पहचानपत्र को-विन 2.0 पर पंजीकरण के लिए आईडी के रूप में स्वीकार्य

केंद्र सरकार ने सोमवार को सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड को फोटो आईडी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है;

Update: 2021-06-08 00:19 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड को फोटो आईडी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पत्र में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को को-विन 2.0 पर पंजीकरण करते समय विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड को फोटो आईडी के रूप में शामिल करने के लिए कहा है।

इस वर्ष 2 मार्च को जारी को-विन 2.0 के लिए निर्देश नोट के अनुसार, टीकाकरण से पहले लाभार्थी के सत्यापन के लिए सात निर्धारित फोटो पहचान पत्र निर्दिष्ट किए गए थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड जारी करता है। इस कार्ड में सभी जरूरी विशेषताएं जैसे; नाम, जन्म का वर्ष, लिंग और व्यक्ति का फोटो है, जो कोविड-19 टीकाकरण में पहचान के लिए मानदंडों को पूरा करती हैं।

इन बातों को देखते हुए दिव्यांग जनों के लिए टीकाकरण तक पहुंच को और सुविधाजनक बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि यूडीआईडी को कोविड-19 टीकाकरण के लिए निर्दिष्ट फोटो आईडी दस्तावेज की सूची में शामिल किया जाए।

मंत्रालय ने कहा, इसके लिए जरूरी प्रावधान किए जा रहे हैं और ये जल्द ही को-विन पर उपलब्ध होंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे कोविड टीकाकरण के लिए एक स्वीकार्य फोटो आईडी के रूप में यूडीआईडी कार्ड के उपयोग का व्यापक प्रचार करें।

भारत सरकार इस साल 16 जनवरी से सुचारु और प्रभावी टीकाकरण अभियान सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण सरकार के ²ष्टिकोण के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रही है।

केंद्र सरकार ने देशभर में लाभार्थियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया है। को-विन, कोविड टीका वितरण प्रणाली के तंत्र को प्रभावी ढंग से लागू करने और इसे बढ़ाने के लिए तकनीकी सहारा प्रदान करता है।
 

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