खेल और स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार संवेदनशील : मनोज तिवारी

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि शारीरिक शिक्षा ऐसा विषय है कि इससे आप किसी भी क्षेत्र में हो, इससे अछूते नहीं रह सकते हैं;

Update: 2018-08-12 02:48 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि शारीरिक शिक्षा ऐसा विषय है कि इससे आप किसी भी क्षेत्र में हो, इससे अछूते नहीं रह सकते हैं। यदि अपने आप को फिट रखना है तो शारीरिक शिक्षा की चिंगारी को बचपन से अपने अंदर जागृत करना होगा।

तिवारी ने प्रगति मैदान में चल रहे स्पोर्टस इंडिया 2018 के दौरान शारीरिक क्षेत्र, योग व खेलकूद में काम कर रही संस्था फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) द्वारा आयोजित तीसरे राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में कहा, “शारीरिक शिक्षा की अहमियत को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि सभी स्वस्थ रहें और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में झोली भर मेडल आए। इसके लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।”

सांसद तिवारी ने मोदी सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “खेलों और खिलाड़ियों के साथ साथ प्रशिक्षकों के लिए विश्व स्तर के खेल एवं साइंस विश्वविद्यालय बनाने की योजना की मंज़ूरी सरकार से मिल गई है जो इम्फाल (मणिपुर) में बन रही है और हम आपको यकीन दिलाते हैं कि देश में करीब 100 विश्वविद्यालय और शुरू किए जाएगें। इसके लिए हमारी सरकार ने 524 करोड़ रूपये का बजट दिया है इसके बाद हर राज्य में हम इसकी शाखा खोलेंगे और खेल खिलाड़ियों को आगे नाम बढ़ाने का मौका प्रदान करेंगे।” 

उन्होंने कहा, “अब वह दिन दूर नहीं जब खेल व स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में हम सभी सकारात्मक बदलाव देखेेंगे। ‘हम फिट तो इंडिया फिट’ यह केवल एक नारा नहीं है। बल्कि इसे रग-रग और पोर-पोर में बसाने की जरूरत है। इसके प्रति खुद जागरूक होकर दूसरों में भी जागरूकता लाने की जरूरत है।”

तिवारी ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत ही गौरव का विषय है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री भी खेलों में विशेष रूचि रखते है और संयोगवश इस समय के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी एक ओलम्पिक पदक विजेता है उनसे बढ़ कर खेल कूद को और कौन समझ सकता है। इस क्षेत्र में पेफी भी लगातार अहम योगदान दे रहा है। समय समय पर पेफी के माध्यम से देश में होने वाले खेल व स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रम की जानकारी मुझे मिलती रहती है और मेरा भी प्रयास रहता है कि मैं भी पेफी के कार्यक्रम में उपस्थित रह सकूं।” 

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