ओडिशा: नवीन पटनायक के बढ़े वेतन न लेने के फैसले पर डिप्टी सीएम बोले, यह सरासर राजनीति
ओडिशा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक द्वारा बढ़े हुए वेतन व भत्ते नहीं लेने के फैसले ने एक राजनीतिक बहस छेड़ दी है;
भुवनेश्वर। ओडिशा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक द्वारा बढ़े हुए वेतन व भत्ते नहीं लेने के फैसले ने एक राजनीतिक बहस छेड़ दी है। उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा में उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिला था। उन्होंने विधानसभा में आकर अपने विचार क्यों नहीं रखे? यह सरासर राजनीति है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जयनारायण मिश्रा ने बीजू जनता दल सुप्रीमो नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए कहा कि पटनायक बहुत अमीर हैं और उन्हें बढ़ी हुई तनख्वाह और भत्तों की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा सदस्यों के वेतन में बढ़ोतरी की पुरजोर मांग बीजद के नेताओं ने ही की है।
इससे पहले शनिवार को, बीजद अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को पत्र लिखकर वेतन और भत्ते छोड़ने की जानकारी दी थी। पटनायक ने कहा कि वर्ष 2015 में उनके परिवार ने कटक स्थित अपनी पुश्तैनी संपत्ति 'आनंद भवन' को ओडिशा के लोगों के हित में दान करने का निर्णय लिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री मांझी से अनुरोध किया कि वे उनके वेतन और भत्तों का उपयोग जनता और सरकार के कल्याण के लिए करें।
पटनायक ने लिखा, "इसी भावना से प्रेरित होकर, मैं विपक्ष के नेता के वेतन और भत्तों में हाल ही में ओडिशा विधानसभा द्वारा की गई बढ़ोतरी को अस्वीकार करना चाहता हूं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस राशि का उपयोग हमारे राज्य के गरीब लोगों के कल्याण के लिए करें।"
इस बीच, बीजद नेता गणेश्वर बेहरा ने वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी को उचित ठहराते हुए कहा कि बीजद पिछले कुछ वर्षों से इस बढ़ोतरी की मांग कर रही है।
ओडिशा विधानसभा ने हाल ही में चार विधेयक पारित किए हैं, जिनसे विधायकों, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, मंत्रियों, विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।