ओडिशा : सीएम माझी ने खनिज फाउंडेशन का खर्च बढ़ाने का दिया निर्देश , कहा-शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आवश्यक जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रशासनिक अधिकारियों को खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि के व्यय में तेजी लाने और खनन क्षेत्रों के आसपास के इलाकों में पूरी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय करने के निर्देश दिए हैं;

Update: 2025-12-03 12:11 GMT

माझी ने जिला खनिज फाउंडेशन का खर्च बढ़ाने के निर्देश दिए

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रशासनिक अधिकारियों को खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि के व्यय में तेजी लाने और खनन क्षेत्रों के आसपास के इलाकों में पूरी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस साल अक्टूबर अंत तक ओडिशा के 11 डीएमएफ जिलों से कुल 34,052 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, जिनमें से लगभग 55 प्रतिशत का उपयोग हो चुका है।

डीएमएफ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों को प्रत्येक जिला स्तरीय डीएमएफ का ऑडिट तथा वार्षिक प्रतिवेदन जमा करने के निर्देश दिए। यह भी बताया गया कि 10 जिलों में डीएमएफ के पुनर्गठन के बाद ट्रस्ट बोर्ड की बैठकें हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि लघु खनिजों से एकत्र धन उसी जिले में खर्च किया जाए और शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति तथा कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने खनन क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोगों को सैचुरेशन मोड दृष्टिकोण के तहत पूरी बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में यह भी कहा गया कि लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए डीएमएफ ट्रस्ट बोर्ड की बैठकें शीघ्र बुलाई जाएंगी। खनन गतिविधियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित गांवों की पहचान कर उन्हें लक्षित सहायता दी जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने खनन स्थलों के निकट बस्तियों में सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू करने के निर्देश दिए।

बैठक में कहा गया कि जिन जिलों में वार्षिक डीएमएफ निधि 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक एकत्र होती है, वे एक एंडोमेंट फंड (स्थायी निधि) स्थापित करेंगे। इस निधि को सरकारी प्रतिभूतियों, बॉन्ड या अनुसूचित बैंकों में सावधि जमा में निवेश किया जाएगा।

माझी ने कहा कि जब खनिज भंडार समाप्त हो जाएंगे या खनन गतिविधियां बंद हो जाएंगी, तब इस एंडोमेंट फंड का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में आने वाली पीढ़ियों के लिए आजीविका के अवसर सृजित करने में किया जाएगा।

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