त्रिपुरा में हिंसक घटनाओं को लेकर को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी 

त्रिपुरा विधानसभा के चुनावी नतीजे के बाद हिंसक घटनाओं को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं;

Update: 2018-03-06 16:24 GMT

अगरतला। त्रिपुरा विधानसभा के चुनावी नतीजे के बाद हिंसक घटनाओं को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

तीन मार्च को आये चुनावी नतीजों में भाजपा ने त्रिपुरा में माकपा का 25 साल का वर्चस्व तोड़ते हुए शानदार विजय हासिल की। इसके बाद राज्य में हिंसक घटनाओं ने जोर पकड़ लिया। हिंसक घटनाओं को देखते हुए प्रशासन को राज्य के विभिन्न हिस्सों में धारा 144 लगाने के साथ ही बड़ी संख्या में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

त्रिपुरा के बेलोनिया टाउन में काॅलेज स्कवेयर स्थित रुसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति तोड़ने के बाद हिंसक घटनाएं और तेज हो गईं। इस घटना पर वामपंथी दलों ने कड़ी नाराजगी जताई है। वामपंथी दलों का आरोप है कि भाजपा राज्य में डर फैलाने में जुट गई है।

माकपा के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में हिंसक घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा “ त्रिपुरा में हिंसा की जो घटनाएं हो रही हैं उससे स्पष्ट है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक,भाजपा का रुझान क्या है। हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है। त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी। ’’

लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना पर माकपा ने ट्वीटर पर कड़ी टिप्पणी की है। पार्टी ने लिखा है“ त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद हुई हिंसा प्रधानमंत्री के लोकतंत्र पर भरोसे के दावों का मजाक उड़ाती है। राज्य में वामपंथी और उनके समर्थकों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल पेदा करने की कोशिश की जा रही है। ’’

#Tripura mein jo hinsa ho rahi hai yeh sapasth hai ki RSS-BJP ka rujhan kya hai. Hinsa ke alawa unka rajneetik bhavishya kuch hai nahi. Tripura ki janta iska jawaab degi: Sitaram Yechury, CPI-M in Kolkata pic.twitter.com/LUuKzvrfWF

— ANI (@ANI) March 6, 2018


 

जेडी (यू) के सांसद हरिवंश ने कहा कि यह गलत है। इस देश के लोग विभिन्न विचारधाराओं में विश्वास करते हैं।

This is wrong.People of this nation believe in different ideologies. It is true that Lenin's statues were demolished after end of ruling in Russia. But India is not Russia, all ideologies should be supported here. Lenin brought huge revolution in 1917 for poor: JD(U) MP Harivansh pic.twitter.com/o378JJ77yp

— ANI (@ANI) March 6, 2018


 

सुब्रमण्यम स्वामी ने लेनिन को विदेशी बताया

#Lenin to videshi hai, ek parakar se antankwadi hai, aise vyakti ka humare desh mein statue? Woh statue Communist party ke headquarters ke andar rakh sakte hain aur pooja karen :Subramanian Swamy pic.twitter.com/DUDVFApSCT

— ANI (@ANI) March 6, 2018


 

सीपीआई के डी राजा ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा मान्य नही।

I strongly condemn this violence this is not acceptable in a democracy. We are a multi party democracy, some parties win and some lose, does not mean they can resort to vandalism&violence like demolition of Lenin statue will take place. Law needs to take its course: D, Raja, CPI pic.twitter.com/L3nl0UUgm6

— ANI (@ANI) March 6, 2018


 

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