डॉक्टर गरीब और अमीर का समान भाव से इलाज करें: काेविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डाक्टरों से अमीरों और गरीबों का समान भाव से इलाज करने का आह्वान किया;

Update: 2018-01-16 17:21 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डाक्टरों से अमीरों और गरीबों का समान भाव से इलाज करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि देश में डाक्टरों और मेडिकल पेशेवरों की कमी है और इसे दूर करने के लिए नयी नियामक प्रणाली बनाने की जरूरत है।

 काेविंद ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 45वें दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बीमारियां गरीब और अमीर में भेद नहीं करती हैं लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि गरीब मरीजों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि डाक्टरों की सेवाएं सभी को, जो लोग फीस दे सकते हैं उन्हें अौर जो नहीं दे सकते हैं उन्हें भी समान रूप से मिलनी चाहिए। मेडिकल साइंस का फायदा समाज को मिलना चाहिए न कि उसे समाज से फायदा उठाना चाहिए। 

देश में डाक्टरों की कमी की समस्या का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे डाक्टरों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि इस समय सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की करीब 67 हजार तथा एमडी की मात्र 31000 सीटें हैं। सवा अरब की आबादी वाले इस देश में इतनी सीटें निहायत ही अपर्याप्त हैं।
 

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