आरडब्ल्यूए के लिए बारात घर बने कुबेर का खजाना

शहर के बारातघर आरडब्ल्यूए के लिए कुबेर का खजाना बनते जा रहे है;

Update: 2018-02-07 13:48 GMT

नोएडा। शहर के बारातघर आरडब्ल्यूए के लिए कुबेर का खजाना बनते जा रहे है। सेक्टरवासी इसकी शिकायत प्राधिकरण अधिकारियों से कर रहे है। लेकिन समस्या जस की तस है। आलम यह है कि आरडब्ल्यूए बुकिंग के नाम पर मनमानी दर ले रहे है। जबकि नियमता प्राधिकरण ने यह किराया फिक्स कर रखा है।

यही नहीं किराए में अनुरक्षण व रखरखाव शामिल है। बावजूद सेक्टर वासियों से अलग से यह रकम वसूल की जा रही है। वह 100-200 रुपए नहीं बल्कि 3000 से 10000 रुपए तक वसूल की जा रही है। मसलन जितना रिहाएशी सेक्टर उतना ज्यादा अनुरक्षण चार्ज। इसकी रसीद तक नहीं मिलती। जाहिर है यह कार्य आज से काफी दिनों से किया जा रहा है। 

शहर में शादियों की सीजन है। लोग बारात घर बुक करा रहे है। नियम है कि जो लोग सेक्टर में रहते हैै उनको उसी सेक्टर का बारातघर बुक कराने के लिए 15 हजार रुपए देना होगा। जबकि बाहरी लोगों को 2 हजार रुपए अतरिक्त 17 हजार रुपए देने होंगे। इसी रकम में बारात का अनुरक्षण व रखरखाव शामिल है। लेकिन यहा लूट का बाजार गर्म है। यहा सेक्टरवासियों से बुकिंग दर के अलावा हजारों रुपए अतरिक्त वसूल किए गए जा रहे है। वह भी रखरखाव व अनुरक्षण के नाम पर।

इसकी शिकायत प्राधिकरण के ग्रीवेंस सेल में की गई। बताते चले कि आरडब्ल्यूए द्वारा बारातघर के एवज में जो भी पैसा लिया जाता है यह रकम प्राधिकरण के खाते में जमा की जाती है। नोएडा प्राधिकरण ने आरडब्ल्यूए को विश्वास के साथ ये जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन आरडब्ल्यूए मनमानी पर अमादा है। हाल ही में सेक्टर-23 निवासी शर्मिला शर्मा ने प्रधिकरण से शिकायत की है कि उनसे 4 हजार रुपए अधिक लिए गए हैं। प्राधिकरण ने इसकी फाइल खोली है। इस तरह के बढ़ते घालमेल को देखते हुए सेक्टरवासियों ने प्राधिकरण से बारातघर का प्रतिवर्ष वित्तीय ऑडिट कराने की मांग की है।

 यह जांच वर्तमान से नहीं बल्कि उस समय से जब बारातघर बने और आरडब्ल्यूए को इनकी जिम्मेदारी दी गई। इस मामले में अधिकारियों ने भी अपना रूख साफ कर दिया। उन्होंने संकेत दिए कि मामले की निष्पक्ष वित्तीय अडिट कराया जाएगा। 
इन सेक्टरों द्वारा लिया जा रहा है अधिक रुपए
- सेक्टर-34----- 500 
- सेक्टर-15---- 1500
- सेक्टर- 47----1500
- सेक्टर-23-----2500
- सेक्टर-19-----3000
- सेक्टर-55-----5000
- सेक्टर-20-----1000
- सेक्टर-50------10000

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